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Authors
Dr. Manglesh Jayaswal
Book Published (1)

डॉ मंगलेश जायसवाल
पिता का नाम श्री लक्ष्मीनारायण जी
माता का नाम श्रीमती लीला देवी
पत्नी का नाम श्रीमती सोनू जायसवाल
शिक्षा पी-एच.डी., स्नातकोत्तर(गणित,भौतिकी,संस्कृत,हिंदी)
एम.एड.,योगा, डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग
जन्म तिथि 12/09/1973 बुधवार, भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा
जन्म स्थान कालापीपल जिला शाजापुर
अभिरुचि काव्य लेखन
सम्प्रति उच्च माध्यमिक शिक्षक (गणित), एवं मास्टर ट्रेनर (राज्य आनदं सस्ंथान, मध्य प्रदेश)
प्रकाशित कृतियां साझा संकलन एवम् समाचार पत्र में सतत
प्रकाशित कई रचनाएं
भाव मजंरी (काव्य सग्रंह) अक्टूबर 2021
सम्मान, उपलब्धियां मैथिलीशरण गुप्त सम्मान मथुरा, उत्तर प्रदेश
साहित्य सम्राट सम्मान कुशीनगर,उत्तर प्रदेश
साहित्य शिरोमणि सम्मान पीलीभीत, उत्तर प्रदेश
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर सम्मान पानीपत, हरियाणा
भारत गौरव सम्मान कटनी, मध्य प्रदेश
संगम श्री सम्मान कटनी,मध्यप्रदेश
पूरा पता वार्ड नंबर 11 कालापीपल, तहसील कालापीपल, जिला शाजापुर(मध्य प्रदेश) पिन:465337
दूरभाष 9926034568
ईमेल mangleshjaiswal30@gmail.com
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Dr. Manjul Trivedi
Book Published (1)

डॉ. मंजुल त्रिवेदी वर्तमान में लखनऊ विश्वविद्यालय के सह्युक्त महाविद्यालय बप्पा श्रीनारायण वोकेशनल स्नातकोत्तर महाविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. त्रिवेदी का जन्म लखनऊ जनपद में स्थित निगोहां ग्राम में हुआ था और वहीं से इन्होंने अपनी विद्यालयी शिक्षा पूर्ण की। लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक व परास्नातक पूर्ण करने के उपरांत इन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की जेआरएफ फेलोशिप शिक्षाशास्त्र विषय से प्राप्त की तथा पूरब के आॅक्सफोर्ड कहे जाने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
डॉ. त्रिवेदी विगत पन्द्रह वर्षों से समाज विज्ञान एवं मानविकी की अनुसंधान पत्रिका वीथिका के सम्पादक के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। इनके 20 से अधिक शोधपत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं तथा इन्होंने अनेक संगोष्ठियों में अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये हैं। इनकी शिक्षा सम्बंधित 03 पुस्तकों का प्रकाशन भी हुआ है। शिक्षा मनोविज्ञान एवं शैक्षिक तकनीकी इनके विशेषता क्षेत्र हैं। डॉ. त्रिवेदी अध्यापन के अतिरिक्त विभिन्न दायित्वों के माध्यम से समाज सेवा के कार्य में भी संलग्न हैं।
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Dr. Mohammad Imran
Book Published (1)

Dr. Mohammad Imran is an accomplished academician and Assistant Professor in the Department of B.Ed. at A.N.D. Teachers’ Training College, Sitapur, associated to University of Lucknow. With over seven years of teaching experience and a Ph.D. in Education, Dr. Imran has carved a distinct identity in the field of teacher education and educational research.
His scholarly contributions span over a decade and include the publication of 11 research papers in national and international journals, particularly in areas such as digital learning, educational governance, and child psychology. He has actively participated in over 150 seminars and conferences, and has served as a resource person and chair in multiple national-level academic events. His technological expertise is particularly evident in his work on the integration of ICT in education, e-governance in the academic sector, and the impact of digitalization on learning styles. He also published a research tool named “school climate scale” for the researchers under National Psychological Corporation Agra.
Dr. Imran's commitment to technological advancement in pedagogy is reinforced by his participation in numerous Faculty Development Programs (FDPs) and workshops focusing on digital tools, ICT integration, and NEP-2020 implementation. He has also completed recognized MOOCs and refresher courses including those organized by UGC-HRDC and SWAYAM. He has one authored and two edited books that reflect contemporary educational reforms and digital transformations in teaching-learning processes. As an IGNOU B.Ed. Academic Counsellor, he continues to contribute to teacher training with academic rigor and technological proficiency. Dr. Imran remains dedicated to enhancing the quality of education through innovation, research, and digital empowerment.
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Dr. Monika Raj
Book Published (1)

डॉ. मोनिका राज
बौद्ध अध्ययन विभाग,
नव नालंदा महाविहार,नालंदा, बिहार
ई - मेल - monikaraj270@gmail.comआप मुरलीगंज, मधेपुरा, बिहार की निवासी हैं। आपने अपनी प्रारंभिक शिक्षा श्री गुरुकुल विद्यापीठ से तथा अपनी स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा इतिहास विषय में पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। आपने हाल ही में नव नालंदा महाविहार से डॉक्टरेट (पीएच.डी.) की उपाधि प्राप्त की है। आपके पिता का नाम रामप्रवेश साह और माता का नाम रेखा देवी है।
बचपन से ही आपकी पठन - पाठन में रुचि रही है। गत 5 वर्षों से आपकी कहानियां, लघुकथाएं, कविताएं एवं शोध आलेख विभिन्न पत्र - पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं।
सरल शब्दों का प्रयोग और पात्रों की सजीवता आपकी रचनाओं को और भी अधिक जीवंत बना देती है। आपकी कविताओं में स्त्री विमर्श की प्रधानता चार चांद लगा देती है। आपकी रुचि कविता पाठ, गायन और पाककला में है।
प्रसिद्ध समाचार पत्रों हिंदुस्तान, जनसत्ता, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका, पंजाब केसरी, नवभारत, हरिभूमि, प्रभात खबर, हम हिंदुस्तानी आदि ने आपके लेखन को स्थान दिया है और साथ में ही विभिन्न पत्रिकाओं में भी जैसे- प्रतियोगिता दर्पण, सरिता, गृहलक्ष्मी, मुक्ता, हरीगंधा, यथावत, हिमप्रस्थ, नूतन कहानियाँ, हिंदुस्तानी जबान, प्रेरणा अंशु, वीणा आदि में सैंकड़ों रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं।
प्रकाशित पुस्तक:
(1) द गलिम्पसेस आॅफ कांटेम्परेरी एरा (सह लेखक- नृपेन्द्र अभिषेक 'नृप', अंग्रेजी आलेख संग्रह)
पुरस्कार:
दिल्ली प्रेस की मशहूर पत्रिका सरिता द्वारा युवा नारायणी कहानी पुरस्कार में द्वितीय स्थान।
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Dr. Nand Kishor
Book Published (1)

डॉ. नन्द किशोर
जन्मतिथि : 12 अगस्त 1971
पिता का नाम : श्री दयाराम
माता का नाम : श्रीमती रामदेवी
जन्म स्थान : परागपुर, परसेहरा, सीतापुर, (उत्तर प्रदेश)
अभिरुचि : साहित्य पढ़ना और लेखन कार्य
सम्प्रति : प्रवक्ता- जनता इण्टर कालेज- सिरसिया-नं.-2,
विजयीकाफ, कुशीनगर,(उत्तर प्रदेश)
संपर्क : 89-एच पवन विहार, नन्दा नगर,
कूड़ाघाट, एम्स, जिला- गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश)
संपर्क सूत्र : 9565277057
Email : nand956527@gmail.com
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Dr. Phool Kumar Rathee
Book Published (2)

डॉ. फूलकुमार राठी
माता का नाम : श्रीमती सावित्री देवी
पिता का नाम : श्री चंद्र सिंह राठी
पत्नी का नाम : श्रीमती सरिता राठी
जन्म तिथि : 20 फरवरी 1972
शिक्षा : एम. ए., एम. फिल, पी. एच. डी. (शिक्षा)
रुचि : लेखन, गायन, खेल और समाज सेवा।
अनुभव : 28 वर्ष (अध्यापन), 18 वर्ष (लेखन)
वर्तमान में कार्य (पेशा) : अध्यापन कार्य एवम् समाज सेवा।
प्रकाशित कृतियाँ : काव्य-संग्रह : 1. तमन्ना: बदलाव की (हिन्दी) 2. माट्टी की महक (हरियाणवी) 3. उम्मीद का दामन (हिन्दी) 4. मुक्तक काव्य (हिन्दी)। साझा-संग्रह:- वियोगी पथिक, प्रेम पथिक, मृगतृष्णा, हिन्दी से हम: एक भाषा एक संवाद (काव्य) ’ सुमित्रानंदन पन्त के साहित्य में चेतना के विविध आयाम, उदयभानु हँस की साहित्य साधना (गद्य)। ’ काव्य-संगम, शब्द सागर हिन्दी मासिक पत्रिका और आचार्य अकादमी चुलियाणा द्वारा संचालित साप्ताहिक कविता प्रतियोगिता में सक्रिय भागीदारी और उपलब्धि प्रमाण-पत्र प्राप्ति। ’ शिक्षण-प्रशिक्षण सम्बन्धी पाठ्यक्रम की 06 पुस्तकों का प्रकाशन (लेखक और सह-लेखक की भूमिका में) एवम् राष्ट्रीय स्तर पर पेपर प्रकाशन।
प्रकाशनाधीन कृतियाँ : 1. मुक्तक-काव्य (हरियाणवी)
साहित्य सम्मान - 2023-24 : ’ सौहार्द साहित्य सम्मान ’ डा. बी. आर. अंबेडकर साहित्य स्मृति सम्मान ’ वीरांगना हिन्दी साहित्य सम्मान ’ एस.एस.आई.एफ. अंतरराष्ट्रीय कला एवम् साहित्य सम्मान ’ सुमित्रानंदन पंत साहित्य सम्मान ’ उदयभानु हँस स्मृति सम्मान ’ प्रकृति प्रेमी हिन्दी साहित्य सम्मान ’ महर्षि पतंजलि स्मृति सम्मान ’ काव्य श्री हिन्दी साहित्य सम्मान ’ वन्दे मातरम् हिन्दी साहित्य सम्मान ’ शिक्षक गौरव सम्मान ’ स्वर्णिम शिक्षक गौरव रत्न सम्मान ’ राष्ट्रीय हिन्दी सेवा सम्मान ’ साहित्य श्री सम्मान ’ लोकप्रिय सम्मान ’ दीपोत्सव साहित्य सम्मान ’ माँ वागेश्वरी साहित्य सम्मान ’ साहित्य प्रेमी सम्मान।
लेखन विधा : आलोचनात्मक एवम् व्यंग्यात्मक
मुख्य उपलब्धियाँ : विभिन्न साहित्य सम्मान प्राप्ति एवम् विभिन्न संस्थाओं में अनेक अवसरों पर अपनी प्रस्तुति देना और प्रशस्ति-पत्र व पारितोषिक प्राप्त करना।
लेखन का उद्देश्य : अपने लेखन को आमजन तक पहुँचाना और समाज में जागरूकता लाना।
दुनिया के लिए सन्देश : अपने आपको कभी हीन मत समझो और अथक परिश्रम करते हुए आगे बढ़ते चलो।
असहाय और दीन-दुखियों का सहारा बनो। दूसरों का बुरा किए बिना हमेशा लोकहित
में कार्य करते रहो।
वर्तमान पता : गाँव- जिंदरान कलां, डाकखाना- कलानौर, जिला- रोहतक (हरियाणा) पिन -124113
संपर्क : मोबाईल/व्हाटशॉप नम्बर : 9812035673
ईमेल : masterphool@gmail.com
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Dr. Rafeeq Nagauri
Book Published (1)

डॉ. रफ़ीक़ नागौरी
पैदाइश : 12-05-1967 उज्जैन
वालिद : मुहम्मद हनीफ नागौरी
शिक्षा : एम.ए. पीएच.डी.(इतिहास)
सम्प्रति : सह प्राध्यापक (इतिहास), माधव कॉलेज, उज्जैन, मध्यप्रदेश
सम्मान:
1. साहित्य गौरव सम्मान, 2009 साहित्य संगम, तिरोड़ी जिला बालाघाट (मप्र)
2. सरस्वती सिंह सुमन सम्मान, 2011 साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी, परियावां जिला प्रतापगढ़ (उप्र)
3. उर्दू अकादमी कटनी के आल इंडिया मुशायरे 2012 में सम्मान
4. विकलांग साथी ट्रस्ट सीतापुर के कवि सम्मेलन, मुशायरे, 2013 में सम्मान
5. हजरत आसी गाजीपुरी सम्मान, 2016 आसी अकादमी, गाजीपुर (उप्र)
6. दुर्गा सरस्वती साहित्य सम्मान, 2018 श्रीराम आदर्श शिक्षा समिति, सिवनी (मप्र)
अदबी ख़िदमात:
बज़्म आईना ए ग़ज़ल के ज़रिए उज्जैन में पिछले 10 सालों में कई अदबी प्रोग्राम मुशायरे, नशिस्त और सम्मान समारोह किए।
पता: 24 अम्बा प्रसाद तिवारी मार्ग, नलिया बाखल, उज्जैन मध्यप्रदेश
मोबाइल 9893469148
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Dr. Ramakant Sharma
Book Published (1)

डॉ. रमाकांत शर्मा
जन्म - 29 दिसंबर 1963, मैनपुरी (उ.प्र.)
(प्रमाण पत्रों में-1 अप्रैल 1964)
पिता का नाम - पंडित चंद्र किशोर शर्मा
माता का नाम - श्रीमती रेशमा देवी शर्मा
शिक्षा - इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी. ए. (1984) एवं हिंदी साहित्य में एम. ए. (1986), यू. जी. सी. की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा नेट - जे. आर. एफ.- 1987 उत्तीर्ण कर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय- विश्वभारती शांतिनिकेतन से 1993 में पी-एच. डी.। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री नरसिम्हा राव ने यह उपाधि प्रदान की। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी दिल्ली से 2011 में बी. एड.।
प्रकाशित-पुस्तकें - 1-गाँवों की ओर (विचार), 2-उदयगान, 3-गीत -अगीत, 4-मेरी प्रिय कविताएँ (सभी काव्य संग्रह), 5-गीति काव्य और राष्ट्रीयता, 6-समीक्षा के स्वर, 7-आंदोलनमुक्त हिंदी कविता का शैल्पिक मूल्यांकन, 8- रामचरितमानस में सम्बंध संस्कृति और भारतीय समाज। (सभी शोध - आलोचना)
संपादन- 1- संत राधिका दास अभिनंदन ग्रंथ, 2- संत-साहित्य की प्रासंगिकता
अनेक संकलनों, पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन. रेडियो-दूरदर्शन से काव्य वातार्ओं का प्रसारण। अनेक स्तरीय साहित्यिक अनुष्ठानों में मुख्यवक्ता एवं कवि के रूप में प्रतिभाग।
सम्मान-पुरस्कार : 1-दो बार भारतीय संसद भवन में (1989,1991) तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्रियों द्वारा सम्मानित; 2-हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा काव्य कृति 'गीत-अगीत' पर श्रेष्ठ कृति पुरस्कार 2010; 3-हरियाणा साहित्य अकादमी का ढाई लाख राशि का पंडित माधव मिश्र साहित्य सम्मान 2021; 4-न्यायमूर्ति प्रेमशंकर गुप्त द्वारा स्थापित इटावा हिंदी सेवा निधि का गंग-देव सम्मान-2022; 5-महामहिम राज्यपाल हरियाणा द्वारा साहित्य, संस्कृति संवर्धन सम्मान-2023; 6-स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम रतन कोचर स्मृति संस्था बीकानेर राजस्थान द्वारा साहित्य साधक सम्मान- 2024; उत्तर प्रदेश के तत्कालीन महामहिम राज्यपाल आचार्य विष्णुकांत शास्त्री व मुख्यमंत्री हरियाणा ने भी सम्मानित किया’ इसके साथ अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरियाणा द्वारा कार्यनिष्ठ कार्यकर्ता सम्मान (2004); मानव भारती हिसार द्वारा साहित्य शिरोमणि सम्मान (2005); साँस्कृतिक मंच भिवानी द्वारा राजेश चेतन काव्य पुरस्कार (2006); भिवानी परिवार मैत्री संघ द्वारा मधुप काव्य सम्मान (2015) एवं माधव मिश्र सम्मान (2018); साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा राजस्थान का हिंदी काव्य भूषण सम्मान (2015); साहित्य कला संगम हिसार द्वारा उदय भानु हंस काव्य पुरस्कार (2010); प्राप्त हुए। हरियाणा अणुव्रत समिति, अवंतिका दिल्ली, सरस्वती साधना परिषद मैनपुरी, स्वतंत्रता सेनानी पंडित नेकीराम शर्मा ट्रस्ट, राष्ट्रीय कवि संगम, मंदाकिनी संस्था बरेली, हिंदी साहित्य प्रेरक संस्था जींद, चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय भिवानी, दीनबंधु छोटूराम विश्वविद्यालय सोनीपत इत्यादि अनेक संस्थाओं से भी साहित्य सम्मान प्राप्त हुए। भिवानी एवं मैनपुरी में अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा नागरिक अभिनंदन किया गया।
अन्य - 1-कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से काव्य संग्रह उदयगान पर लघु शोध; 2-भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने कनिष्ठ (2000-2002) एवं वरिष्ठ फेलोशिप (2015-1026)प्रदान की; 3-अनेक वरेण्य साहित्यकारों का सान्निध्य; 4-अनेक वर्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद हरियाणा प्रांत के प्रांतीय संगठन मंत्री के दायित्व का निर्वहण; 5-संस्कार भारती के साहित्य विधा प्रमुख रहे; विद्या भारती से संबद्धता- हलवासिया विद्या विहार भिवानी में आचार्य - प्राचार्य रहे; 6-राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य-हिंदी साहित्य भारती (अन्तरराष्ट्रीय); 7- सनातन धर्म संस्कृत कॉलेज, अंबाला की कार्यकारिणी समिति में हरियाणा सरकार के प्रतिनिधि सदस्य.
सम्प्रति - अध्यक्ष, हिंदी विभाग, आदर्श महिला महाविद्यालय भिवानी, हरियाणा।
स्थायी निवास- डी - 2,रॉयल रेसीडेंसी, बजरंगबली कॉलोनी, रोहतक गेट भिवानी हरियाणा. 127021
मोबाइल - 9416855016, ई-मेल -ramakantsharma29december@gmail.com
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Dr. Ravinandan
Book Published (1)

डॉ. रविनन्दन
पिता - श्री बिन्देश्वर ठाकुर
माता - स्व. जयमन्ती देवी
जन्म - 4 जनवरी 1972
स्थान - ग्राम एवं पोस्ट - डड़वाँ
थाना - उपहारा
जिला औरंगाबाद, बिहार
पिन - 824203
मोबाइल - 9931850983, 8789530946
पढ़ाई - मैट्रिक 1986 में गांधी स्मारक उच्च विद्यालय, गोह
IA 1988 डी एन कॉलेज दाऊदनगर से प्रथम श्रेणी
B.A (Hons.) 1991 में गया कॉलेज गया से प्रथम श्रेणी
M.A. (L.S.W.) 1993 मगध विश्वविद्यालय बोध गया से प्रथम श्रेणी
L.L.B. 1998 पटना लॉ कॉलेज
शोध - औरंगाबाद जिला के इट भट्ठा उद्योग में कार्यरत मजदूर की स्थिति
B.Ed. 2009 में NOU से प्रथम श्रेणी
PhD (2024)
सम्प्रति - प्रधानाध्यापक , रा. प्रा. वि. डुमरनू, गोह, औरंगाबाद।
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Dr. Sanjay Kumar
Book Published (1)

डॉ. संजय कुमार
माता का नाम : श्रद्धेया तेतरी देवी
पिता का नाम : श्रद्धेय फौजदार
जन्म तिथि : 01 दिसम्बर 1976
अभिरूचि : शिक्षण, लेखन एवं सामाजिक कार्य
शिक्षा : एम.एस-सी. (प्राणि विज्ञान),
एम.ए. (हिन्दी), एम.एड्., नेट (शिक्षाशास्त्र),
पी.एच-डी. (शिक्षाशास्त्र),
पी.जी.डी.वी.जी. सी.सी.,पी.जी.डी.आर.जे.एम.सी.,सी.एल.टी.ए.
सम्प्रति : असि.प्रोफेसर, बी.एड् विभाग,
बी.आर.डी.पी.जी.कालेज, देवरिया, (उ.प्र.)
प्रकाशन : जर्नल्स में प्रकाशित शोध पत्र एवं लेख- 20 से अधिक
विभिन्न पुस्तकों में प्रकाशित अध्याय- 10 से अधिक
पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित लेख एवं कविताएं- 10 से अधिक
राष्ट्ीय एवं अन्तर्राष्ट्ीय सेमिनार में प्रतिभाग
एवं शोध पत्र प्रस्तुति- 30 से अधिक
पुरस्कार एवं सम्मान : 1. एक्सलेन्स इन टीचिंग एवार्ड
(बी.आर.डी.पी.जी.कालेज, देवरिया 2014)
2. एक्सलेन्स इन टीचिंग एवार्ड (विजनाना भारती खण्ड 3 एवं
बी.आर.डी.पी.जी. कालेज, देवरिया 2016)
3.यंग साइंटिस्ट एवार्ड (आस्था फाउन्डेशन 2022)
4.एक्सलेन्स इन टीचिंग एवार्ड (आस्था फाउन्डेशन 2023)
5.बेस्ट एकेडमीशियन एवार्ड ए.ई.ई.टी.डी.एस. लखनउ 2024
सम्पर्क सूत्र : 781, भगवान चौराहा, देवरिया खास,
देवरिया, उ0प्र0, पिन- 274001
मो. नं.- 9919623541, 8542840035
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Dr. Shalinee Pandya
Book Published (2)

Shalinee Pandya is an accomplished educator with over 14 years of experience teaching Vedic Mathematics. With a background in engineering and a Masters in Veda, Shalinee brings a unique perspective to the subject. As a mother and a scholar, Shalinee has a deep understanding of the importance of education and its impact on the world. In addition to teaching Vedic Mathematics, Shalinee has also created 6 sets of practice books to help students master the Vedic Mathematics Sutras. These books are designed to provide students with ample opportunity to practice and apply the techniques they learn in Shalinee's classroom. Shalinee's passion for Vedic Mathematics is evident in her dedication to helping students develop a deep understanding of the subject, as well as the practical skills they need to succeed."
Shalinee's practice books for Vedic Mathematics are designed to provide students with comprehensive practice exercises based on each individual sutra. Each set of books focuses on a specific set of sutras and includes a wide range of problems that are designed to help students master the techniques and apply them to real-world scenarios. The practice problems are organized by difficulty level, allowing students to gradually build their skills and confidence as they progress through the book. In addition, each set of books includes detailed explanations and examples that demonstrate how the sutras can be applied to solve problems in a variety of contexts. By working through Shalinee's practice books, students are able to develop a deep understanding of the sutras and build the practical skills they need to excel in Vedic Mathematics."vedicmathematics.co
nanhevvivekanand@gmail.com
9079686536
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Dr. Snehlata Dwedi Aaryaa
Book Published (1)

डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’ एक आदर्श शिक्षिका, चिंतक और सांस्कृतिक-सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा बोकारो स्टील सिटी, सिमडेगा, गुमला के विद्यालयों (झारखंड) में हुई तत्पश्चात विनोवाभावे विश्वविद्यालय से स्नातक एवम् रांची विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर और डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त की है। उन्हें साहित्य संगम संस्थान, नई दिल्ली द्वारा उनके साहित्यिक और सामाजिक योगदान के लिए उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया गया।
डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’ ने कई साझा संग्रह में अपनी कविताएँ साझा की हैं, इसके अतिरिक्त 300 से अधिक कविताएँ विभिन्न पत्र पत्रिका अख़बार और अन्य देश-विदेश की साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। आर्या मूलत: एक रचनाकार है कविता के क्षेत्र में तो उनका योगदान है ही शोध पत्रिकाओं में भी वेद में नारी की स्थिति और वेदों में पर्यावरणीय विचार आदि से संबंधित आलेख प्रकाशित हैं। गांधी दर्शन पर उनकी एक पुस्तक THE POLITICS OF SURVIVAL IN INDIA AND GANDHI बहुत प्रसिद्ध हुई। दुसरी पुस्तक ‘प्रेमाश्रु’ है। आर्या की कई लेख और कहानियाँ भी अख़बारों में जैसे रांची एक्सप्रेस वर्तमान अंकुर इत्यादि में प्रकाशित हुईं हैं।
आर्या ने कविता की विविध विधाओं में अपनी लेखनी आजमाई है आॅनलाइन जगत में भी उन्होंने अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज़ की है और उन्होंने ‘गूँज कलम की’ साहित्य संस्थान को स्थापित किया और इस मंच की अध्यक्ष हैं। हिंदी साहित्य जगत में आर्या को उनके साहित्यिक योगदान के लिए याद किया जाएगा।
शिक्षक के रूप में भी आर्या अपनी बेहतर सेवा प्रदान करने की कोशिश करतीं हैं और एक सफल तथा लोकप्रिय शिक्षक हैं। उन्हें बिहार प्रांत में कई मंचों के द्वारा उत्कृष्ट शैक्षणिक सेवा के लिए सम्मानित किया गया है और प्रांतीय स्तर पर बेस्ट टीचर का सम्मान भी उन्हें प्राप्त है।
कई सामाजिक संस्थाओं से भी डॉक्टर स्नेहलता द्विवेदी आर्या जुड़ी हुई हैं उन्हें कबीर साहित्य के अनुवाद कार्य के लिए कबीर कोहिनूर सम्मान से नई दिल्ली में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय सभागार में सम्मानित किया गया, इसके अतिरिक्त आर्या को 100 से अधिक सम्मान प्राप्त हैं। आर्या ने अपनी साहित्य की यात्रा में कभी न रुकने का संकल्प लिया है। साहित्य की विनम्र सेवा के लिए आर्या कृत संकल्पित हैं और मानती हैं कि मानवीय भूल संभव है एवं परिमार्जन, शुद्धिकरण हमेशा मानव जीवन की प्राणशक्ति है व साहित्य अनुरागियों के लिए अनुकरणीय है। इस भाव से ही आर्या साहित्य सेवा में लगी हुई हैं और सभी सुधि पाठकों का सादर अभिवादन करते हुए अपनी इस रचना को स्वान्त: सुखाय सर्वजन हिताय के भाव से समर्पित कर रही हैं।
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Dr. Sunita Yadav
Book Published (1)

डॉ. सुनीता यादव
जन्म-तिथि : 9 जून,1967
जन्म-स्थान : लखनऊ(उत्तर प्रदेश)
पिता : श्री सुरेन्द्र सिंह यादव
माता : श्रीमती अरुणा यादव
शिक्षा : एम. ए., पीएच. डी. (लखनऊ विश्वविद्यालय)
कार्यानुभव: राँची वीमेंस कॉलेज के हिन्दी विभाग में 27 वर्षों तक सेवा।
संप्रति : एसोसिएट प्रोफेसर सह अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, राँची विश्वविद्यालय, राँची
प्रकाशन: विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में शोध-आलेख एवं रचनाएँ प्रकाशित।
मोबाइल नं. : 9835152016
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Dr. TC Rao
Book Published (5)

About the Author
In the annals of success stories, there are few that can rival the remarkable journey of Dr TC Rao born into a poor family with a strong military background. Overcoming financial adversity and limited educational opportunities, he rose through the ranks of the Indian Army, pursued higher education and went on to establish a thriving business empire with diverse interests spanning multiple continents.
Dr. TC Rao's early life was marked by financial constraints and a deep-rooted military heritage. However, his determination and perseverance led him to join the Indian Army's prestigious Kumaon Regiment as a soldier. He embarked on a remarkable academic journey, earning a Master's degree in four subjects and eventually completing a Ph.D. alongside his army duties.
Following an illustrious military career, Dr. TC Rao ventured into the business world, establishing a security company as his first entrepreneurial endeavour. Through strategic diversification, he expanded his business interests into toll collection, highways construction and mining, both in India and overseas. His desire to go beyond boundaries, the exploration of mining opportunities, wood exports and housing and road construction projects overseas adds to his spirit of Dynamism.
In addition to his remarkable achievements in the military and business arenas, Dr. TC Rao is also an accomplished author and has written on wide range of subjects including Rural Development, entrepreneurship and personal development. Dr. Rao has been working for veterans & Martyrs families under the banner of “Martyrs Foundation” NGO and rural and poor masses through Gramin Uthaan – Bharat Nirman for more than two decades.
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Dr. Virendra Bhati ‘mangal’
Book Published (4)

डॉ. वीरेन्द्र भाटी मंगल
साहित्य, शिक्षा एवं समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखने वाले डॉ वीरेन्द्र भाटी मंगल विगत तीन दशक से समाज में सक्रिय है। चंदेरीनगरी के नाम से सुप्रसिद्ध लाडनूं में 05 अक्टूबर 1976 को पिता बाबूलाल जी भाटी व माता श्रीमती लक्ष्मीदेवी के घर जन्मे डॉ वीरेन्द्र भाटी मंगल हिन्दी साहित्य में एम.ए. (द्वय), पत्रकारिता में एम.ए., अहिंसा एवं शांति में एम. ए., पत्रकारिता में बीजेएमसी व घरेलू हिंसा विषय में पी.एच.डी. है। अब तक आपकी विविध विषयों की 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आप स्तम्भकार के रूप में नियमित लेखन करते है। अब तक सैकड़ों की संख्या में आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। राजस्थान दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर वातार्ओं, परिचचार्ओं व कहानियों का प्रसारण नियमित रूप से हो रहा है। 30 से अधिक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनारों में शोध पत्र वाचन व सहभागिता की है। विगत 16 वर्षों से राष्ट्रीय सामाजिक समाचार पत्र सैनी सेतु टाईम्स का संपादन कर रहे है। राजस्थान सरकार सहित अनेक संस्थानों द्वारा दर्जनों साहित्यिक, शैक्षिक, सामाजिक व सांस्कृतिक सम्मान व पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें राजस्थान सरकार के द्वारा अनेक बार सम्मान, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा महात्मा गांधी हिन्दी लेखन द्विवार्षिक पुरस्कार, बाबा रामदेव वरिष्ठ सेवा सम्मान, महात्मा ज्योतिबा फूले सम्मान, राष्ट्रीय पथिक सम्मान आदि से सम्मानित किया जा चुका है। अनेकानेक सामाजिक संगठनों से जुड़े डॉ वीरेन्द्र भाटी मंगल कुशल वक्ता, मोटीवेशनल स्पीकर एवं मंच संयोजक के रूप में विख्यात है।
पता-
लक्ष्मी विलास, करन्ट बालाजी कॉलोनी, मंगलपुरा पो-लाडनूं 341306
जिला-डीडवाना कुचामन (राजस्थान) मो-9413179329,
email: bhatimangal@gmail-com
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Dr. Vishnu Paandey
Book Published (1)

डॉ. विष्णु पाण्डेय
जन्म स्थान : ग्राम, पो. कुरझण, रुद्रप्रयाग,
जिला रुद्रप्रयाग, उत्तराखण्ड
प्राथमिक शिक्षा : कुरझण, रुद्रप्रयाग
प्रेरक शिक्षक : स्व. हरिराम पुरोहित एवं स्व. तुलसीराम शास्त्री
उच्च एवं उच्चतर शिक्षा : हरिद्वार - दसवीं से एम.ए., आचार्य तक
छ: वर्षों तक केन्द्रीय, प्रान्तीय तथा बिरला जी के अनेक ट्रस्टों से छात्रवृत्तियाँ प्राप्त की।
शिक्षा शास्त्री बी.एड. चण्डीगढ़ राज्य शिक्षा संस्थान से प्रथम स्थान प्राप्त कर उत्तीर्ण की
पी.एच्.डी. : सन्- 1981 पंजाब विश्वविद्यालय।
सम्पादन : गढ़-सुधा वार्षिक पत्रिका - 15 वर्षों तक
सेवा संस्कार - सेवा भारती संस्था, चण्डीगढ़।
प्रकाशित पुस्तकें -
1. संस्कार बोधिनी (हिन्दी) 2. जीवनियाँ
3. अनुपम स्थली अमरावती (हिन्दी) 4. बाल-बोधिनी (संस्कृत-हिन्दी)
5. बाल पाथेय (हिन्दी) 6. प्राच्य वाङ्मय को काश्मीर का योगदान
7. यह कैसा नवयुग आया? (हिन्दी) 8. जब भी हमने इसे सताया (हिन्दी)
9. भावांजलि भाग-2 (हिन्दी) 10. भावांजलि भाग-3 (हिन्दी)
11. सेवक बन सेवा में लीन एवं भावांजलि (हिन्दी)
12 ‘बाल पाथेय’ - भाग 2
अमुद्रित पुस्तकें -
1 श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा।
2. ब्रह्मर्षि सिद्धेश्वर स्वामी गुवार्नंद चालीसा।
सम्मान -
1. साहित्यिक एवं समाज सेवा के लिए अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
2. 2002 में भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत।
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Father Jokim Thakur
Book Published (2)

फादर जोआकिम ठाकुर
निवास बाँसकोठी, क्रिश्चन कॉलोनी, पटना-11
जन्म 2 अप्रैल 1962
शिक्षा कोलकत्ता से फिलॉसफी और थियोलाँजी में डिग्री,
दिल्ली, नेस्कोर्ट से मिडिया में डिग्री
अभिरूचि नाटक लेखन
सम्प्रति स्वतंत्र लेखन
प्रकाशित कृतियाँ नाटक की पुस्तकें- ठाकुर की एकाँकियाँ
इतिहास लेखन मोकामा चर्च का इतिहास, तमिलनाडू वेलांकनी
चर्च का इतिहास, पटना 35 पॉरिश का इतिहास।
पाठ्य पुस्तक कक्षा पहली से आठवी कक्षा के लिए व्याकरण की पुस्तक
कक्षा पहली से आठवी कक्षा के लिए नीति-शिक्षा की पुस्तक
कक्षा पहली से आठवी कक्षा के लिए हिन्दी की पुस्तक
विशेष ‘‘मंजिल’’ नाम की फिल्म में अभिनय
डॉक्यूमेंटी फिल्म का निर्माता
ड्रामा का डायरेक्टर
मोबाइल नम्बर 9199804148
ईमेल Thakur. Joachim@ rediff mail. Com
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Ganesh Madulkar (Musafir)
Book Published (1)

गणेश मादुलकर
का जन्म 5 सितम्बर को मध्यप्रदेश के हरदा जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। इनके पिता सेवानिवृत शिक्षक तथा माता गृहिणी हैं। आपने गाँव से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर हरदा, होशंगाबाद और भोपाल से उच्च शिक्षा प्राप्त की। किशोरावस्था से ही आप लिख रहे हैं। लेखन यात्रा अनवरत जारी है। आप ‘मुसाफ़िर’ नाम से साहित्य में अपनी पहचान बना रहें हैं। आप कविताएँ लिखने के साथ - साथ साहित्य की अन्य विधाओं में भी सतत् लिख रहे हैं जिसमें कहानियां, उपन्यास, डायरी, यात्रा वृतांत, संस्मरण आदि उल्लेखनीय है। मादुलकर साहित्यिक क्षेत्र के अलावा रंगकर्म में भी सक्रियता से अपना हस्तक्षेप रखते हैं। अपने रंगगुरु श्री संजय तेनगुरिया से रंगकर्म का ककहरा और बारीकियाँ सीख रहे हैं। अभी तक आपके 25 से अधिक साझा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। आपके स्वभाव में यायावरी एवं व्यक्तित्व और कृतित्व में कबीर की गहरी छाप दिखाई देती है। आप मानवीय सम्बन्धों और संवेदनाओं को शब्द चित्रों से उकेरने का प्रयास कर रहे हैं।
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Guruji H Bhardwaj
Book Published (2)

GuruJi H Bhardwaj
Writer & teacher of Vedic Radio
Chairmen- Future Face Point
Founder:
Vedic Vidya International Point
Jab, Mathura (Uttarpradesh)
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Harender Nath Shrivastava
Book Published (1)

हरेंद्र ‘हमदम’ दिलदारनगरी
पिता का नाम श्री कामता प्रसाद
माता का नाम - श्रीमती बसंती देवी
शिक्षा- स्नातकोत्तर (प्रथम) जंतु विज्ञान, एम बी ए, सीएआईआईबी, ज्योतिष और वास्तु में डिप्लोमा।
अभिरुचि- कविता, गीत, गÞजÞल एवं अन्य विधाओं में लेखन। नये विषय पढ़ने में रुचि, संगीत और नये स्थानों की सम्प्रति
सम्प्रति- सेवानिवृत्त, नियमित लेखन, अध्ययन, सामाजिक कार्य इत्यादि। अभी बंगलौर में रहते हैं परंतु वाराणसी के मूल निवासी हैं और ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) में ज्यादातर समय रहते हैं।
इनको अपने लगभग 39 वर्षों की सेवा काल भारत के सभी दिशाओं (उत्तर, पश्चिम, पूरब दक्षिण सिर्फÞ पूर्वोत्तर छोड़कर) जाने का, कार्य करने का अनुभव है। सभी प्रदेशों के, क्षेत्रों के व्यक्तियों का संपर्क मिला, वहाँ की संस्कृति और परंपरा का ज्ञान हुआ। और सबसे अधिक, लोगों की मन की संवेदनाएँ, भावनायें, परस्पर संबंध, अनुभूतियाँ, आशा, निराशा, भूख, गरीबी, अमीरी, प्रेम, घृणा, भाईचारा, मानवता आदि गुणों का साक्षात जानने का अवसर इन्हें मिला। सबसे अधिक जो इनकी संवेदना ने ग्रहण किया, वो मानव मन की जिजीविषा, जब तक साँस तब तक करते रहने की अधीर मानव क्षमता, का आभाष हुआ। ये सब इनकी अमूल्य धरोहर हैं, जो समय समय पर इनकी रचनाओं में परिलक्षित होती है।
प्रकाशित कृतियाँ - निम्न काव्य संकलन वर्ष 2000 से आज तक प्रकाशित-
1 कलम हमने उठाई है
2 ‘नहीं पीर परायी है’ इसकी प्रस्तावना प्रसिद्ध साहित्यकार, साहित्य पीठ पुरस्कार विजेता
डॉ दामोदर खड़से जी ने लिखी है।
3 तलाश रोशनी की (2, 3 और 4) दोनों पुस्तकें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर भी उपलब्ध हैं।
4 कितनी बार कहा साथी (पातियाँ प्यार की)
5 कुछ मन की कहूँ (वर्तमान संकलन)
साझा संग्रह -( प्रकाशित और प्रक्रिया में)
‘कलम के सिपाही’, ‘चाँद के पार चलो’, ‘गाओ हिन्दी गान’, ‘प्रेम पुष्प’, ‘दिव्या’, ‘रूह तक’, ‘निर्भया’, ‘मैं भी दीपक हूँ’, ‘सुनो बिभाकर’, ‘मेरे प्यार में तुम’, ‘लम्हे’, ‘लौटती लहरों की बांसुरी’, ‘अवध में राम आये हैं’ ‘और’, ‘मन की बातें’, ‘कल्पित काव्य’, ‘हृदय स्वर’, ‘दिया प्रीत’, ‘काव्य माधुरी’, ‘काव्य मंजरी’, ‘काव्य वर्तिका’, ‘काव्य कुंभ’, ‘काव्य प्रवाह’, ‘काव्य उपवन’, ‘हिन्दी की शान’, ‘आवरगी’ और ‘शब्द सैनिक’ आदि में भी मेरी रचनाएँ सम्मिलित हुई है। इसके अतिरिक्त दो साझा संकलन ‘काव्य मंजरी’ (रवीना प्रकाशन) और ‘मन की उमंग’( इंकलाब प्रकाशन) में संपादक पद से भी निरूपित किया गया है, जो शीघ्र प्रकाश्य हैं