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Radheshyam Sarwagi Masoodiya
Book Published (2)

राधेश्याम सरावगी ‘मसूदिया’ माता ः स्व. श्रीमती झमकू देवी सरावगी पिता ः स्व. श्री सुवालाल सरावगी जन्म स्थान ः मसूदा, जिला-अजमेर (राजस्थान) जन्म तिथि ः 28 अक्टूबर 1949 शैक्षिक योग्यता ः एम.ए. (हिन्दी), एम.एड. (हिन्दी) रचनाओं का प्रकाशन ः (गद्य-पद्य दोनों विधाओं में) दैनिक पत्र राजस्थान पत्रिका, दैनिक नवज्योति, प्रातःकाल आदि में 5 जनवरी 1986 से निरन्तर प्रकाशन। मासिक पुस्तकों में सरिता, मुक्ता, सरस सलिल, मेरी सहेली, सम्बोधन, साहित्यांचल, शब्द सामयिकी के साथ शिक्षा-विभाग बीकानेर द्वारा प्रकाशित गद्य-पद्य की पुस्तकों में प्रकाशन हो चुका है। सम्मान ः उदयपुर जिला स्तरीय ”उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान“ 1978, “श्री राम शर्मा आचार्य शान्तिकुंज हरिद्वार’’,“उत्कृष्ट सेवा शिक्षक सम्मान“ 2007, साहित्यांचल, भीलवाड़ा द्वारा ‘‘साहित्य सृजन सम्मान’’ 2015, द्वारकेश राष्ट्रीय साहित्य परिषद् कांकरोली द्वारा ‘‘भाषा रत्न सम्मान’’ 2015, सम्बोधन मंच कांकरोली द्वारा ‘‘राजसमंद रत्न सम्मान’’ 2016, केन्द्रीय मानवाधिकार संगठन नई दिल्ली द्वारा ‘‘मानवाधिकार रक्षक सम्मान’’ 2017, युगधारा साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं वैचारिक मंच उदयपुर द्वारा ‘‘सारस्वत सम्मान’’ 2020, नामदेव गहलोत छीपा समाज, आम मेवाड़ चैखला क्षेत्र आकोला, कांकरोली द्वारा ‘‘समाज गौरव सम्मान’’ 2020 एवं अन्य संगठनों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा कई बार सम्मानित किया जा चुका है। राजकीय सेवा ः शिक्षा विभाग माध्यमिक राजस्थान में अध्यापक से लेकर प्राध्यापक (हिन्दी) तक 23 सितम्बर 1969 से 31 अक्टूबर 2009 तक 40 वर्ष से ज्यादा निरन्तर सेवाएँ दी है। प्रकाशन कृतियाँ ः शब्द स्वर, ज़हर उगलती जुबानें, कौन देगा जवाब?, हड्डियों का बँटवारा और समय की रेत पर। सम्प्रति ः प्रबंधक- श्री अक्षय सोलर एवं यो बाइक शौरूम संरक्षक-दिनेश सेवा स्थान, कांकरोली के माध्यम से गरीब परिवारों की सहायता एवं निर्धन छात्रों को शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराना। सम्पर्क सूत्र ः ‘‘इन्द्रप्रस्थ’’ गोमाता सर्कल, भीलवाड़ा रोड़, कांकरोली (राजसमंद) मोबाइल ः 9782796969।

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Rajender
Book Published (1)

राजेन्द्रराजेन्द्र जी का जन्म गाँव कन्धवाला अमरकोट, तहसील अबोहर, जिला फाजिल्का पंजाब में 10 अक्टूबर 1979 को एक किसान परिवार में हुआ। काम्बोज वंश में पैदा हुए राजेन्द्र जी ने अपनी स्कूली पढ़ाई गाँव के सरकारी स्कूल से ही पूरी की। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से आगे बढ़ाई जहाँ से उन्होंने एम.ए., पी.एचडी हिन्दी विषय में पूरी की। आपने पंजाब विश्वविद्यालय से जनसंचार में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। आपको बचपन से पढ़ने का शोक नहीं था परन्तु धीरे-धीरे जैसे जैसे समझ बढ़ी तो लिखना शुरू किया। आपका पहला लेख दैनिक ट्रिब्यून चण्डीगढ़ में प्रकाशित हुआ। इसके बाद तो अन्य अनेक पत्र पत्रकिाओं में विभिन्न लेख छपे। शोध पत्रिकाओं में जैसे- अनुसंधान, वाङ्मय, शब्द सरोकार, पूर्वा मीमांसा, शोध बोहल मंजूषा आदि शोध-पत्रिकाओं में भी राजेन्द्र जी के अनेक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। आपकी पहली पुस्तक ‘राजा+इन्द्र’ है। इस पुस्तक में समस्त नारी जाित की दास्तान को उद्घाटित किया गयाहै। यह पुस्तक ग्रन्थ केतन दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई है। ‘नारी नामा’ राजेन्द्र जी की दूसरी पुस्तक का नाम है। इस में नारी की समस्याएं जो समाज में हैं, उन पर कुठाराघात किया गया है। इस पुस्तक का प्रकाशन सप्तऋषि प्रकाशन चण्डीगढ द्वारा किया गया है। आपके हाथों में प्रस्तुत पुस्तक ‘गीता में इन्द्रिय ज्ञान के सूत्र’ में लेखक ने गीता के विभिन्न सूत्रों का बहुत सरल भाषा में उल्लेख किया है। सम्पर्क सूत्र : 98158 44696

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Rajesh Kumar Baudh
Book Published (3)

राजेश कुमार बौद्ध जन्मतिथि 26 फरवरी 1974 जन्म स्थान जिला- गोरखपुर, (उत्तर प्रदेश) अभिरूचि साहित्य पढ़ना और लेखन कार्य सम्प्रति सामाजिक कार्यकर्ता पत्र/ पत्रिकाओं में :- दलित साहित्य वार्षिकी-दिल्ली, हाशिए पर दलित-हिन्दी मासिक-दिल्ली, पैगाम-दिल्ली, अम्बेडकर मिशन पत्रिका-पटना, बहुजन युग पत्रिका-आगरा, लोक संवेदना दस्तक- मध्य प्रदेश, द ट्राइबल पोस्ट साप्ताहिक-मध्य प्रदेश, अनिश त्रैमासिक पत्रिका-वाराणसी, सम्यक पब्लिक भारत-ऊधमसिंह नगर, मूकनायक-पुणे, आश्वस्त-उजैन मध्य प्रदेश, दैनिक अखबार जैसे ख्वाजा एक्सप्रेस-बस्ती, निष्पक्ष दिव्य संदेश, तिजारत-लखनऊ, जनसंदेश टाइम्स-लखनऊ, सम्यक एक्सप्रेस-मध्य प्रदेश, दस्तक प्रभात-पटना, विहार आदि में प्रकाशित। प्रकाशित कृतियाँ :- 1- सामाजिक क्रांति के नायक मा०कांशीराम, 2- हमारे राष्ट्र गौरव दलित संतों का जीवन दर्शन, 3- तथागत बुद्ध कबीर और रैदास, 4- संत कबीरदास, 5- बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर और उनका सामाजिक चिंतन, 6- संत रैदास का जीवन दर्शन, 7- दलित विमर्श: कुछ प्रश्न कुछ संकेत, 8- हम गूंगे नहीं रहे अब (कविता संग्रह), 9- दम तोड़ती मेरी आवाज (कविता संग्रह), 10- मोची (कविता संग्रह) 11- संपादक- श्रेष्ठ दलित कहानियां, 12- संपादक- दलित जाएं तो जाएं कहां, 13- संपादक- मनुवाद से जूझता अम्बेडकरवाद, 14- संपादक- इक्कीसवीं सदी की चर्चित दलित कहानियां, 15- संपादक- ‘प्रबुद्ध विमर्श’ हिन्दी मासिक पत्रिका का गोरखपुर से प्रसारित। पुरस्कार एवं सम्मान:- 1- भारतीय दलित साहित्य अकादमी- दिल्ली द्धारा ‘डॉ. अम्बेडकर फेलोशिप अवार्ड’1998, 2- ‘मांझी जनता’ हिन्दी साप्ताहिक एवं बौद्ध साहित्य प्रकाशन कानपुर, उत्तर प्रदेश द्धारा ‘भीम रत्न’ 2003, 3- ‘अनोखा विश्वास’ हिन्दी मासिक पत्रिका- इन्दौर, मध्य प्रदेश, द्धारा ‘बाबा साहब डॉ.अम्बेडकर साहित्य रत्न’ 2006, 4- आल इंडिया गुरु रविदास मिशन-जालन्धर, पंजाब द्धारा ‘गुरु रविदास साहित्य रत्न’ 2012, 5- श्रमण संस्कृति रक्षा न्यास भारत, भन्ते सुमित रत्न थेरो जी गोरखपुर द्धारा ‘बौद्ध रत्न’ 2018, 6- समदर्शी प्रकाशन गाजियाबाद- उत्तर प्रदेश द्धारा ‘वर्ष 2023 साहित्य सृजन सम्मान’ 2023, 7- द ट्राइबल पोस्ट- देवास मध्य प्रदेश द्धारा ‘प्रतिभा सम्मान’ 2024, 8- इंकलाब पब्लिकेशन मुंबई महाराष्ट्र द्धारा ‘मुंशी प्रेमचंद हिन्दी साहित्य सम्मान’ 2024, 9- इंकलाब पब्लिकेशन मुंबई महाराष्ट्र द्धारा ‘श्री केदारनाथ सिंह हिन्दी साहित्य सम्मान’ 2024 में, संपर्क- डॉ.अम्बेडकर साहित्य प्रतिष्ठान रामपुर नयागॉव,पोस्ट- गोरखनाथ, जिला- गोरखपुर, पिन-273015, (उत्तर प्रदेश) भारत संपर्क सूत्र- 9616129934, Email- prabuddhvimarshgkp@gmail.com 

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Ram Bilas Singh
Book Published (2)

श्री राम बिलास सिंह का जन्म बिहार राज्य के गया जिलान्तर्गत गुरुआ प्रखंड के ‘कोयरी बिगहा’ ग्राम में दिनांक 06अगस्त 1958 ई. में एक साधारण किसान परिवार में हुआ। वर्तमान निवास- डॉ. किशोरी मोहन कॉम्प्लेक्स, रोड नं-3, सिकरिया मोड़, गया (बिहार) इनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्रामीण परिवेश में स्थित विद्यालयों में हुई। उच्च शिक्षा गया कॉलेज, गया से बी. ए. आॅनर्स की डिग्री प्राप्त की तथा मगध विश्वविद्यालय, बोधगया से सत्र 1980-82 में भूगोल विषय में एम. ए. की डिग्री प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया और तत्कालीन महामहिम राज्यपाल श्री ए. आर. किदवई के कर-कमलों द्वारा विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। इन्होंने कई वर्षो तक वित्त -रहित कॉलेज में अध्यापक का कार्य निष्ठापूर्वक सम्पन्न किया। वर्ष 1991 में सरकारी सेवा में पदस्थापित होकर अगस्त 2018 में राजस्व अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए। इनकी सेवा अति सराहनीय रही। वर्तमान में इनका मुख्य उद्देश्य योग और अध्यात्म की तलहटी में प्रवेश कर, प्राप्त सार-तत्त्व को निचोड़ कर अपने आलेख के माध्यम से मानव समुदाय को उचित मार्ग प्रदर्शित करना है। अन्य मुख्य प्रकाशित कृतियाँ : 1 आनंदित जीवन की राहें (सारगर्भित, जीवनोपयोगी पुस्तक) 2 महाभारत की महागाथा (अलौकिक, ज्ञानोपयोगी पुस्तक) 3 गौतम बुद्ध के प्रेरक उपदेश (रोचक, कल्याणकारी पुस्तक) 3 आखिर सद्गुरु क्यों? (काव्य संग्रह) 

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Ram Lakhan Sharma
Book Published (3)

राम लखन शर्मा ‘अंकित’ साहित्य के क्षेत्र में अपनी सशक्त और विनम्र पहचान बना लेने वाले, सहज, सरल और यशस्वी कविवर पं. राम लखन शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ । ॰ माँ यशोदा देवी के भारतीय जीवन मूल्यों से सिंचित संस्कार वान पिता श्री प्रभु दयाल शर्मा के लालन पालन से संयुक्त परिवार में पनपा यह होनहार कवि माँ भारती का वरद पुत्र बना । ॰ मध्य प्रदेश पुलिस सेवा में अपनी निष्ठा प्रदान करते हुये अनेक कीर्तिमान रचे ! ॰ कवि कुल में पुत्र पुत्रियों पौत्र आदि के साथ आत्मीयता का प्रसार हुआ और एक बड़ा कवि परिवार बना । आज कवि के मानस पुत्र पुत्रियों और वे नवोदित कवि कवयित्रियों की संख्या अधिक है जिनके संरक्षक संवर्द्धक बन कर कवि राम लखन शर्मा जी सारस्वत साधना के नव्यतम प्रतिमान गढ़ रहे हैं । ॰ छंद वैविध्य के साथ पद्य की अनेक विधाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियाँ देकर माँ शारदे का कोष बढ़ाया है । ॰ गीत विधा के लोकप्रिय कवि ने ‘तिमिर के उस पार’ ‘अधरों पर ताले’और ‘सुनो भारती की पुकार’ जैसी कृतियाँ दी हैं! ‘फागुन वाली धूप’ दोहा संग्रह के साथ गजल की लाजबाब फनकारी के साथ दो संग्रह ‘सूरज ढल रहा है’ और ‘पाले बदलना छोड़ दे’ प्रकाशित हैं। तो ‘मुक्तावली’ में कवि ने मुक्तक संग्रह दिया है। घनाक्षरी के लिये प्रसिद्ध कविवर घनाक्षरी संग्रह ‘अनुभूतियाँ’ है। काव्य साधना की कसौटी पर स्वर्ण सा खरा उतरता कवि का महाकाव्य ‘एकलव्य की शौर्यगाथा’ अद्भुत प्रणयन है। छन्द विज्ञान के सर्वांग अध्ययन को लक्षण ग्रंथ का रूप देते हुये ‘छंद-प्रदर्शिका’ जैसी प्रदीप्त कृति देने वाले पं राम लखन शर्मा न केवल ग्वालियर मध्य प्रदेश वरन् देश के मूर्धन्य कवियों में अग्रगण्य हैं। कविवर की अथक साहित्य साधना से प्रभावित होकर देश की विभिन्न साहित्यिक साँस्कृतिक संस्थाओं ने कवि को शताधिक सम्मान प्रदान किये हैं । कवि कर्म में सतत संलग्न माँ भारती को धन्य धन्य कर देने वाले कविश्रेष्ठ को प्रणाम।

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Ram Pal Srivastava
Book Published (1)

राम पाल श्रीवास्तव ‘अनथक’
सम्मान एवं अलंकरण - साहित्य त्रिवेणी, कोलकाता द्वारा ‘महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति सम्मान’, साहित्य शिल्पी, कोलकाता द्वारा ‘हरिशंकर परसाई सारस्वत साहित्य सम्मान’, युवा साहित्य मंडल, ग़ाजिÞयाबाद द्वारा ‘दुष्यंत कुमार सम्मान’, अर्चना लोक, समस्तीपुर द्वारा ‘साहित्य भूषण’, पुष्पा देवी स्मृति सम्मान समिति, बरेली द्वारा ‘साहित्य गौरव’, साहित्य लोक, प्रतापगढ़ द्वारा ‘पत्रकार श्री’, आल राउंड अकादमी, फ़रीदकोट द्वारा ‘श्रेष्ठ संपादक’, साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी द्वारा ‘अमर बहादुर सिंह’ अमरेश ‘स्मृति पुरस्कार’ एवं ‘हिन्दी प्रतिष्ठा सम्मान’ के साथ ही ‘विद्यावारिधि’ मानद अलंकरण। अन्य और संस्थाओं द्वारा सम्मानित।
संप्रति - प्रधान संपादक, bharatiyasanvad.com और ‘अभी Express न्यूज चैनल’
संपर्क - ग्राम : मैनडीह, पोस्ट : सोनपुर ( शिवपुरा ),
जनपद : बलरामपुर ( उ. प्र. )
Email - drrampalsrivastava@gmail.com
Mob. 9696056458

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Rambabu Maihar Dev
Book Published (1)

रामबाबू मैहर देव जन्म 1-7-1981 जन्मस्थान शमशाबाद, विदिशा मध्यप्रदेश प्रकाशित कृतियां- वंदना विद्वान कवियों का अंतर्मन पेंटागन विश्व की अमर पे्रम कहानी काव्या वीणावादिनी वर दे संयुक्त काव्य संग्रह

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Rattan Chand Sardana
Book Published (2)

रत्न चन्द सरदाना 
एम.ए., बी.टी.
सरदाना जी का जन्म 10 अप्रैल 1941 ई. को तत्कालीन पश्चिमी पंजाब के जिÞला मुज्जफरगढ़ के एक छोटे से गाँव खाड़कें में हुआ था। इनके पिता स्व. श्री रम चन्द हकीम तथा माता श्रीमती रामप्यारी सद्गृहिणी थे। उन दोनों का स्वभाव सरल था। वे सेवा भावी थे। परिवार आिर्थक रूप से संपन्न था।
सरदाना जी अपने बाल्यकाल में देश की स्वतंत्रता का उल्लास, सांप्रदायिक उन्मान का भीषण रूप तथा गरीबी को भोगा है। इन घटनाओं ने बाल मन को आहत किया। किंतु पारिवारिक सुसंस्कारों के कारण उनके व्यवहार में कटुता नहीं आई। ऐसी त्रासदी की पुनरावृत्ति न हो, अगली पीढ़ी को जानकारी देना वह अपना पुनीत कार्य मानते हैं।
श्री सरदाना जी हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी तथा सिरायकी के जानकार हैं। अल इंडिया रेडियो व रोहतक केन्द्रों से उनकी वातार्एं व कवितापाठ प्रसारित होती रही हैं। उनकी कविताएं राष्ट्रभाव से ओत-प्रोत रहती हैं। राष्ट्रीय महापुरुषों की जीवनियाँ उन्हें आकर्षित करती है। उनके उपन्यासों का फलक व्यापक, वार्तालाप को शैली में लेखन, भाषा सरल, एकात्मवादी दृष्टिकोण, मुहावरों का प्रयोग विषयों को विविधता उनके लेखन का वैशिष्ट है। लघुकथाओं में व्यंग्य का भरपूर पुट है।
उपलब्धियां : ’ राज्य शिक्षक पुरुस्कार प्राप्त
’ हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा पुरस्कृत एवं  सम्मानित
’ संस्कृति शिक्षा संस्थान द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित
’ विद्या भारती उत्तर क्षेत्र द्वारा लेखक सम्मान
’ साहित्य सभा कैथल द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित
’ भाषा विभाग हरियाणा द्वारा पुरस्कृत
’ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित
’ अखिल भारतीय प्रेरणा साहित्य एवं शोध संस्थान की ओर से
’ प्रेरणा आजीवन साहित्य साधना सम्मान 2025
’ पुनरुत्थान प्रकाशन सेवा ट्रस्ट, अहमदाबाद द्वारा सम्मानित

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Rekha mittal
Book Published (3)

रेखा मित्तलपिता का नाम : स्व. श्री नेतराम सिंगला
माता का नाम : श्रीमती संतोष सिंगला
जीवनसाथी : श्री विवेक मित्तल
जन्म स्थान : चंडीगढ़
शिक्षा : प्रारंभिक: गवर्नमेंट गर्ल्स हायर
सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर 20, चंडीगढ़
उच्च: एम. ए., एम.फिल.
पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
मनपसंद विधा : पद्य: कविता
                  गद्य: लघुकथा, कहानी
फोकस के बिंदु : बाल मन, नारी मन, समाजिक विसंगतियाँ, युवाओं की उलझनें, बढ़ती उम्र की समस्याएँ सामाजिक परिदृश्य इत्यादि
काव्य संग्रह : दूज का चांँद
कहानी संग्रह : काग़ज़ की कश्ती
पुरस्कार : चंडीगढ़ लिटरेरी सोसायटी द्वारा कहानी को द्वितीय पुरस्कार
सांँझा काव्य संकलन :  काव्य सरिता
              मंदाकिनी: एक काव्य तरंग
              अभिव्यक्ति साहित्य
साहित्यिक ग्रुप संचालन : फोकस साहित्य
पत्र पत्रिकाएँ : शिक्षा सारथी
            आधारशिला साहित्यम
                    आभास,
                      कवितावली
आवास : 1183, सेक्टर : 43-बी चंडीगढ़
मोबाइल : 9871632851
मेल : ekhaq250@gmail.com
फेसबुक https://www.facebook.com/rekha.mittal.963
इंस्टाग्राम : rekhamittal_169

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Rekha Rana
Book Published (2)

मेरा नाम रेखा राणा है, मेरा जन्म 5 फरवरी 1971 को हरियाणा प्राँत के यमुनानगर जिले के कनालसी गाँव में हुआ। मेरे पिता जी का नाम श्री सीता राम पुन्डीर व माता का नाम स्वर्गीय श्रीमती सत्या देवी है। मेरे पति श्री विनोद कुमार हैं। मेरी रचनाओं ने कई साझा संकलनों में स्थान पाया है जिनमें सत्यम प्रकाशन का ‘मंथन’ व समदर्शी प्रकाशन का ‘सृजन गुच्छ’ प्रमुख हैं। एक लघुकथा संग्रह ‘अनकहे जज्बात’ प्रकाशित।

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Richa Priydarshini
Book Published (1)

मैं ऋचा प्रियदर्शिनी मूलत: पटना बिहार से हूँ। मेरे पूज्य दादाजी स्व.श्री गुप्तेश्वर प्रसाद पटना न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता थे। मेरे पूज्य पिताजी स्व.श्री रामेश्वर प्रसाद बिहार प्रशासन के उच्च अधिकारी थे तथा मेरी पूज्या माताजी श्रीमती चिंता प्रसाद एक अधिवक्ता और समाज सेविका के रूप में निरंतर योगदान दे रही हैं। घर में शिक्षा और साहित्य का माहौल था। मेरी दादीजी विशारद थीं। मेरे दादाजी को दिनकर, बच्चन आदि कई कवियों को रूबरू सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मेरे माता-पिता भी साहित्य में विशेष रुचि रखते थे और हमारे घर कई प्रबुद्ध लेखकों की पुस्तकें उपलब्ध थीं। मेरी औपचारिक शिक्षा ‘माउन्ट कार्मेल स्कूल’ पटना से शुरू हुई पर आई.सी.एस.ई बोर्ड मैंने ‘सेक्रेड हार्ट स्कूल’ डालटनगंज से की जो अब झारखंड में है। पिताजी के निरंतर स्थानान्तरण वश हमें विद्यालय बदलना पड़ा था। घर का माहौल और मेरी माता की साहित्य में रुचि ने मुझे सदा ही हिंदी के नामचीन साहित्यकारों की कृतियों से अवगत कराया। इंटरमीडिएट मैंने ‘पटना वीमेंस कॉलेज’ से साइंस में किया। स्नातक तथा स्नातकोत्तर बिहार के प्रसिद्ध संस्थान ‘पटना साइंस कॉलेज’ से करने का सौभाग्य मुझे मिला। तत्पश्चात मैंने आई.आई.बी.एम. पटना से एम.बी.ए. की भी डिग्री पाप्त की। मेरा विवाह छपरा, बिहार में प्रतिष्ठित परिवार के स्व.डॉक्टर ब्रज बल्लभ सहाय और श्रीमती माधुरी सहाय के सबसे छोटे सुपुत्र श्री अरविंद कुमार सहाय जी से हुआ। विवाहोपरांत मैं भिलाई, छत्तीसगढ़ जो तब मध्य प्रदेश हुआ करता था में आ गई। मेरे पति ‘स्टील अथॉरिटी आॅफ इंडिया’ के अधिकारी हैं तथा ‘भिलाई इस्पात संयंत्र’ में कार्यरत हैं। मेरे दो पुत्र अध्ययन रत हैं। विगत कई वर्षों से मैं अपने निजी संस्थान के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी हुई हूँ और अध्यापन का कार्य करती हूँ। अच्छे रचनाकारों को पढ़ना मेरी विशेष रुचि रही है। लेखन कार्य में बचपन से ही रही हूँ। मैंने अंग्रेजी तथा हिंदी दोनों भाषाओं में रचनाएँ लिखी है। मेरी कविताएँ स्वयं को व्यक्त करने का माध्यम मात्र है। मैंने कई कवियों, रचनाकारों, लेखकों को पढ़ा और सुना है। मैंने सदैव अपनी शैली को सँवारने का प्रयास किया। हिंदी में लिखने का झुकाव मुझे मेरी माँ की प्रेरणा से मिला जो मेरी लिखी रचनाओं को विशेष रुचि व समीक्षक की दृष्टि के पढ़ती हैं। माँ सरस्वती की असीम अनुकम्पा रही कि मैं आज अपना तुच्छ योगदान दे पा रही हूँ जो कि विशाल साहित्य जगत में एक बूँद भी नहीं। पर मुझे वरिष्ठ विशिष्ट साहित्यकारों से जुड़कर आनंद की अनुभूति होती है और आंतरिक संतुष्टि मिलती है। ईश्वर से यही प्रार्थना है कि उनकी कृपादृष्टि सदैव रहे। लेखनी और मेरा साथ परस्पर बना रहे।

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Ruchika
Book Published (1)

पिता : श्री राजकिशोर राय माता : श्रीमती विनीता सिन्हा जन्मतिथि : 29/10/1982 शिक्षा : स्नातकोत्तर (हिन्दी)बी.एड पेशा : शिक्षिका विद्यालय का नाम : राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ, गुठनी, सिवान, बिहार रचना प्रकाशन : विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित एकल काव्य संग्रह-स्वपीडा से स्वप्रेम तक साँझा संकलन, -अभिनव अभिव्यक्ति (ए बांड आॅफ नवोदयन्स) इबादत की तामीर अभिनव हस्ताक्षर अभिव्यक्ति (बांड ऑफ नवोदयन्स)-उपसंपादक दुर्गा भावांजलि शब्ददीप (इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल) काव्यमणिका विभिन्न मंचों से पुरस्कृत मेरी कविताओं के लिए चंद पंक्तियाँ- लिखती हूँ मन के भावों को, जीवन की कड़वी -मीठी हकीकत और कोमल कल्पनाओं को। भावों को संबल बना जीवन पथ पर बढ़ते चलूँ, नही लगा सकता मोल कोई अनुभूत संवेदनाओं का।

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Sadhna Mishra Lakhnavi
Book Published (1)

साधना मिश्रा
माँ का नाम श्रीमती सुधा त्रिपाठी
पिता पंडित प्रहलाद नारायण त्रिपाठी
पति श्री सुशील कुमार मिश्र।
रुचियाँ पठन-पाठन, लेखन, मंच संचालन आदि।
स्थायी निवास लखनऊ, उत्तरप्रदेश
जन्म-तिथि 25 सितम्बर, 1958
जन्मस्थान नैमिषारण्य क्षेत्र के अंतर्गत कल्ली गाँव, जिला सीतापुर, उत्तरप्रदेश
शिक्षा एम. ए (संस्कृत), बी.एड. पंतनगर विश्व विद्यालय, नैनीताल, इस समय उधमसिंह नगर उत्तराखंड।
सेवा कार्य 26 वर्ष अध्यापन कार्य, अंतिम 15, वर्ष प्रधानाचार्य पद पर कार्य करते हुए, सेवा मुक्त।
विधा कविता, आलेख, कहानी, निबंध आदि विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं।
सामाजिक सेवा इंटरनेशनल लायंस क्लब, की सक्रिय सदस्या। निर्बल आयवर्ग के अंतर्गत बच्चों की दिशा व दशा सुधारने हेतु संचालित माँ अन्नपूर्णा संस्था की सक्रिय व आजीवन सदस्या।
संप्रति उत्कृष्ट लेखन ही उद्देश्य हमारा समाज सेवा है संकल्प हमारा
प्रकाशित रचनाएँ उम्मीदों का नया सवेरा (कहानी संग्रह),  काव्य सोपान (काव्य संग्रह),  एक संकलनकर्ता के अंतर्गत.. रिश्ते-कितने पास, किंतने दूर।  15, साझा- संकलन में प्रतिभागिता।
उपलब्धियांँ राजभाषा सम्मान 2020 का ‘परमवीर चक्र सृजन सम्मान’  हिंदी भवन नई दिल्ली में.. 2020,
‘लिम्का बुक आॅफ रिकॉर्ड’ में  रचना सम्मिलि ‘भारत-रत्न सृजक सम्मान’, हिंदी भवन नई दिल्ली.. 2022, अखंड-काव्यायन,  प्रथम विश्व रिकॉर्ड से सम्मानित पंडित जवाहर लाल नेहरू जी, भारत रत्न  अटल बिहारी जी, काकभुशुण्डि जी, एवं पर लिखी रचनाएं  गोल्डन बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड  में शामिल व सम्मान पत्र,प्राप्त,  ‘’अटल शब्दांजली’ सम्मान-पत्र, अखण्ड काव्यार्चन , सम्मान पत्र ,उत्तर प्रदेश महोत्सव, मंच नारी शक्ति सम्मान परमवीर चक्र विजेताओं की गाथाएं पुस्तक हेतु शौर्य कथाकार रत्न, अंतरराष्ट्रीय  काव्य-कुल गौरव सम्मान देशभक्ति सम्मान व रिमझिम फुहार साहित्य श्री,  मातृ शक्ति, विशिष्ट  नारी  राष्ट्र-गौरव, सम्मान,   उत्कृष्ट लेखन  प्रशस्ति पत्र  इत्यादि।
साहित्य सारथी, काव्यकुल सृजक, ग्लोबल-गुरु शिक्षा विद सम्मान परमवीर चक्र सृजन सम्मान  साहित्योदय  राम -रत्न सम्मान, अंतरराष्ट्रीय काव्यमंच, सशक्त नारी उत्तर प्रदेश, महोत्सव मंच  से विशिष्ट नारी सम्मान।
Email sadhnamishra1958@gmail. com Youtube link. https://youtube.com/c/sadhnamishra

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Samta Aruna
Book Published (3)

समता ‘अरुणा’ का जन्म सन् 1976 में हरियाणा में रेवाड़ी जिले के ठोठवाल नामक गाँव में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गाँव में ही हुई। उन्होंने राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रेवाड़ी (हरियाणा) से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से प्रभाकर करने के बाद, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गुड़गाँव (गुरुग्राम) से O.T हिंदी का डिप्लोमा प्राप्त किया। उन्होंने स्नात्कोत्तर (इतिहास) की शिक्षा पत्राचार माध्यम से पूरी की। वे पिछले 27 वर्षों से शिक्षा विभाग हरियाणा में हिंदी अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए, हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा ‘राज्य शिक्षक पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। बौद्धिक एवं आध्यात्मिक परिवेश में पली-बढ़ी समता ‘अरुणा’ बचपन से ही साहित्य में रुचि रखतीं हैं। वे साहित्य संस्कृति मंच, राष्ट्रीय कवि, शब्द सृजन संस्थान, इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल आदि विभिन्न साहित्यिक मंचों से जुड़ी हुई हैं। संप्रति : वे स्वतंत्र लेखन कर रही हैं।

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Samunder Singh Panwar
Book Published (1)

समुन्द्र सिंह पंवार
नाम समुन्द्र सिंह पंवार
पिता का नाम श्री जबर सिंह
माता का नाम श्रीमती राजबाला देवी
जन्म तिथि छह जुलाई , उन्नीस सौ छिहत्तर
जन्मस्थान बहलबा, रोहतक हरियाणा
शिक्षा स्नातक , हिंदी विषय में स्नातकोत्तर
एवं आशुलिपि लेखक
अभिरुचि कला, संगीत और साहित्य
प्रकाशित पुस्तक समुन्द्र सिंह काव्य-कोष, भजन-माला, चांदना-हरियाणवी गजल संग्रह, बासन्ती अंदाज साझा काव्य संग्रह, काव्य पथ पर साझा काव्य संग्रह,
काव्यवाणी साझा काव्य संग्रह, प्रेरणा काव्य संग्रह, प्यारी मां साझा काव्य  संग्रह, मयार्दा पुरुषोत्तम राम साझा काव्य संग्रह, रामदूत हनुमान साझा काव्य संग्रह,
शिव महिमा साझा काव्य संग्रह आदि-आदि ।
रचनाएँ यू ट्यूब पर अनेक भजन और गीत
अनेक पत्र -पत्रिकाओं में कविता, गजल, गीत, भजन, लेख, लघुकथा,
कहानी  आदि प्रकाशित ।
अकाशवाणी और दूरदर्शन से भजन और गीत प्रसारित ।
सम्मान सर्वश्रेष्ठ गीतकार ( 2016), साहित्य रचना सम्मान ( 2021),
नव सृजन सम्मान ( 2021 ), काव्य-गौरव सम्मान ( 2022),
हिंदी सेवी सम्मान ( 2023 )
सम्प्रति सम्पादक, साहित्य-रचना इ पत्रिका
सम्पर्क सूत्र 9812879328 ,8685995928
ई मेल samundersingh328@gmail.com

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Sangeeta Kumar Paasi
Book Published (1)

संगीता कुमारी पासी 
पिता का नाम: श्री लालचन्द पासी
माता का नाम: श्रीमती सुमित्रा देवी
शिक्षा: एम.ए.(हिन्दी), एम.फिल.(हिन्दी).
एम.ए.(हिन्दी) में प्रथम श्रेणी आने पर स्वर्णपदक,कॉटन कॉलेज राज्यिक विश्वविद्यालय ,पानबाजार  गुवाहाटी

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Santosh Kumar Siddharth
Book Published (1)

संतोष कुमार ‘सिद्धार्थ’
जन्म-तिथि : 16.08.1973
निवास : मुजफ्फरपुर, बिहार
शिक्षा : स्नातक (गणित) ओस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद से, पी.जी.डी.सी.ए IGNOU, EMBA (HRM, CRM & IT), परास्नातक (मनोविज्ञान) अध्ययनरत।
व्यवसाय : पूर्व में-1996 से मई, 2020 तक चीनी मिलों में सूचना-तकनीक प्रबंधन।वर्तमान : शिक्षण, लेखन और काउंसलिंग।
साहित्यिक सेवा/
उपलब्धि : कविता, लेख , स्तम्भ और लघु-कथा लेखन ।
साझा काव्य-संग्रह ‘शब्दों के अरण्य में’, हिंदी युग्म।
कवितायेँ/स्तम्भ दैनिक जागरण, भास्कर भूमि, बाल भारती, नंदन,कादम्बिनी और सरस्वती सुमन में ।
वो कौन...The Third Person, अमेजन किंडल)
मेरा संदेश : जीवन रुपहला सफर है मिश्रित अनुभवों का और खुद को सतत परिमार्जित करते रहने का। कविताएँ ज़िंदा रखेंगी भावनाओं को इंसानियत को।
कविताएँ पढ़ें भी और लिखें भी।
संपर्क सूत्र : मोबाइल- 8840452946,
ई-मेल  : santosh.kmsm@gmail.com

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Satpal Parashar ‘Anand’
Book Published (3)

कवि परिचय
नाम : सतपाल पराशर ‘आनन्द’
माता का नाम : श्रीमती बन्ती देवी
पिता का नाम : श्री दीपचन्द पराशर
पत्नी का नाम : श्रीमती रेखा रानी
जन्म तिथि : 30-06-1969
शिक्षा : शास्त्री, शिक्षा शास्त्री,
एम.ए. संस्कृत व अंग्रेजी
कृतियाँ : भजन दीपिका (आध्यात्मिक भजन)
दोहे 108 (महिमा बाबा राम नाथ जी की)
बखत के बोल (हरियाणवी गीत संग्रह)
दिल का शीशा (हिन्दी ग़ज़ल संग्रह)
फूल अर काँट्टे (हरियाणवी ग़ज़ल संग्रह)
सुरेखा (हरियाणवी दोहा सतसई)
ढंग दुनिया के(हरियाणवी दोहा सतसई)
मीठे आँसू (हिन्दी गीत संग्रह) प्रकाशनाधीन
रूप निराला (हरियाणवी गीत की वीडियो)
रंग कुदरत के (बाल काव्य संग्रह) प्रकाशनाधीन
गायन एवं वादन में प्रयासरत, अभिनय में सक्रियता।
उपलब्धियाँ एवं सम्मान : महामंत्री, अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, इकाई कैथल।
कार्यक्रम संयोजक, राष्ट्रीय कवि संगम, इकाई कैथल।
आजीवन सदस्य, साहित्य सभा कैथल।
पं. लखमी चंद साहित्य सम्मान- साहित्य सभा कैथल।
सदस्य अखिल भारतीय साहित्य संकलन समिति (कैथल)
चंद्रपति स्मृति साहित्य रत्न सम्मान- हिन्दी साहित्य
प्रेरक संस्था, जींद।
निर्मला स्मृति साहित्यिक समिति ( रजि. )
चरखी दादरी द्वारा निर्मला स्मृति हरियाणा गौरव साहित्य सम्मान
प्रसार भारती आकाशवाणी रोहतक से कविता पाठ।
सम्प्रति : संस्कृत अध्यापक के रूप में कार्यरत।
विशेष : कविता, लघुकथा, कहानी, नाटक लेखन में सक्रिय।
पता : महर्षि पराशर कुटीर, गाँव व डाकघर करोड़ा,
(जिला कैथल) हरियाणा, पिन कोड- 136043,
चलभाष - 7876478763
E-mail : satpal.parashar4@gmail.com

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Satyanarayan Tiwari
Book Published (1)

श्री सत्यनारायण तिवारी श्री सत्यनारायण तिवारी का जन्म 1974 में हुआ। आपने भौतिकी में एम.एस.सी. की उच्च शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में आप पी.डब्ल्यू.डी. भवन, सिंगरौली में प्रोजेक्ट अकाउंट आॅफिसर के पद पर कार्यरत हैं। आपके शौक में शिक्षण और कविता लेखन शामिल हैं। श्री तिवारी की शिक्षा विभिन्न विद्यालयों में हुई, जिनमें गुलवार कोठार, गोविंदपुर, सगौनी और मॉडल साइंस कॉलेज, रीवा शामिल हैं। ग़रीबी में जीवन जीने से लेकर ग़रीबी पर कविताएँ लिखने तक का आपका सफ़र अद्भुत रहा है। आपके शब्दों में, ‘बचपन में मैं ग़रीब संयुक्त परिवार का हिस्सा था, लेकिन जो लोग अक्सर भूल जाते हैं, वह यह है कि परिवार ग़रीब था पर खुश था और आज भी वह खुश परिवार संयुक्त ही है।’ स्कूल नंगे पैर जाने से लेकर जूतों का संग्रह होने तक की यात्रा और किताब के लिए पैसे न होने पर दोस्तों से किताब माँग कर नोट्स बनाने से लेकर अपनी लाइब्रेरी होने तक की यात्रा वाकई अद्भुत है। आपकी कविता संग्रह में भावनात्मक, सामाजिक, शैक्षिक, और राष्ट्रीय महत्व की कविताएँ शामिल हैं। इन कविताओं में जीवन और निर्जीव वस्तुओं के सनातन सत्य को बड़ी ही सुंदरता और सरलता से प्रस्तुत किया गया है। आपकी कविताएँ पाठकों को प्रेरित करने के साथ-साथ उन्हें जीवन के मूल्यों का महत्त्व भी सिखाती हैं।

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Satyavir Naharia
Book Published (18)

सत्यवीर नाहड़िया रेवाड़ी जिले के गाँव नाहड़ में जन्मे तथा रेवाड़ी में रह रहे प्राचार्य सत्यवीर नाहड़िया इस समिति के संस्थापक महासचिव रहे हैं। चार हरियाणवी फिल्मों के गीतकार व संवाद लेखक, हरियाणा के आजादी गीत के गीतकार तथा दो दर्जन से ज्यादा पुस्तकों के लेखक श्री नाहड़िया हरियाणा साहित्य अकादमी सम्मान तथा राज्य शिक्षा पुरस्कार से अलंकृत हैं। प्रमुख राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित उनके पाँच हजार से ज्यादा आलेख, फीचर, समीक्षा, रचनाओं के अलावा दैनिक साप्ताहिक तथा मासिक स्तंभकार के तौर पर वे आज भी सक्रिय हैं। लीक से हटकर सृजन, संपादन, संचालन तथा संयोजन में उन्हें महारत हासिल है। साहित्य, कला संस्कृति एवं शिक्षा क्षेत्र में उन्होंने निरंतर नए आयाम रचे हैं, जिसके लिए रेवाड़ी ही नहीं, अपितु पूरा हरियाणा उन पर गर्व करता है।नाम : सत्यवीर यादव साहित्यिक नाम : सत्यवीर नाहड़िया जन्म : 15 फरवरी,1971 को गांँव नाहड़, रेवाड़ी (हरियाणा) सैनिक परिवार में माता-पिता : श्रीमती चाँदकौर - श्री होशियार सिंह यादव अर्द्धांगिनी : श्रीमती गीता यादव बालगोपाल : सत्यगीत, आस्था ‘गीत’ शिक्षा : एम.एससी. (रसायन शास्त्र), पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा सम्प्रति : प्राचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग, हरियाणा सरकार अभिरुचि : अध्ययन, लेखन, काव्यपाठ, गायन, छायांकन एवं संचालन-संयोजन दैनिक-स्तंभ : चण्डीगढ़ से प्रकाशित दैनिक ट्रिब्यून में गत डेढ़ दशक से ‘बोल बखत के’ / ‘चालती चाक्की’ नामक दैनिक व सप्ताहिक राग-रागनी हरियाणवी काव्य-स्तंभ, पंचकूला से प्रसारित चैनल एवन तहलका हरियाणा में दैनिक हरियाणवी रागनी स्तंभ ‘आज के बोल’, कुछ अन्य पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर स्तंभ लेखन। सिनेमा : चार हरियाणवी फिल्मों में संवाद-लेखक/गीतकार के तौर पर पहचान, हरियाणवी सिनेमा पर शोध लेखन। कृतियां : हरियाणवी तथा हिंदी में कुंडलिया, दोहा, रागिनी, मुक्तक,आल्हा, कविता, निबंध, चौपाई-ग़ज़ल, ललित निबंध, लेख-आलेख तथा बाल साहित्य की 27 कृतियां प्रकाशित व आठ कृतियों का संपादन मंच : साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक कार्यक्रमों के राज्यस्तरीय आयोजनों का संपादन-संचालन व संयोजन अलबम : दिवाळी बासठ की (रेजांगला शौर्यगाथा पर हरियाणवी आल्हा व नाटक), गूँज रहे जयकारे (भजन) एक दर्जन आॅडियो-वीडियो कैसेट्स में भजन शामिल, तीन संगीत अलबम निमार्णाधीन संकलन : करीब तीन दर्जन विशिष्ट काव्य-संकलनों में रचनाएं संग्रहीत, धरोहर (कुविवि) हेतु संकलन सहयोग आकाशवाणी : आकाशवाणी के रोहतक केन्द्र से निरंतर काव्य-पाठ एवं अनेक वातार्एं और फीचर प्रसारित रचनाकार की अन्य कृतियाँ हरियाणवी कृतियाँ ’ लोक राग (रागनी-संग्रह) ’ एक बख़त था (मुक्तक संग्रह) ’ ज़रा याद करा क़ुर्बानी (आल्हा/खंड काव्य) ’ बख़त बख़त की बात (दोहा सतसई) ’ गाऊँ गोबिंद गीत (दोहा सतसई) ’ नाहड़िया की कुण्डलियाँ (कुण्डलिया संग्रह) ’ ग्यान-बिग्यान की कुण्डलियाँ (कुण्डलिया संग्रह) ’ आयो तात्तो भादवो (कुण्डलिया संग्रह) ’ चाक्की आळा चून (कुण्डलिया संग्रह) ’ चालती चाक्की (कुण्डलिया संग्रह) ’ बोल कबीरा, बोल (चौपाई-ग़ज़ल संग्रह) ’ हरियाणा के रंग (कुण्डलिनी-संग्रह) ’ ठाड्डा मारै, रोवण दे ना (लघुकविता संग्रह)हिन्दी कृतियाँ ’ संत शिरोमणि बाबा रामस्वरूप दास जी : व्यक्तित्व एवं कृतित्व (खंड काव्य) ’ हरियाणवी लोकसंस्कृति के आयाम (ललित निबन्ध संग्रह) ’ हिन्दी पत्रकारिता के मसीहा गुप्त जी, गुड़ियानी और गुमनामी की पीर (निबन्ध) ’ पंचतत्त्व की पीर (बाल दोहावली) ’ रचा नया इतिहास (बाल दोहावली) ’ दिवस खास त्योहार (बाल कविता संग्रह) ’ समीक्षा के उस पार (समीक्षा संग्रह) ’ समीक्षा सार (समीक्षा संग्रह) विशेष : हरियाणवी में प्रथम कुंडलिनी संग्रह तथा दूसरा कुंडलिया संग्रह देने का श्रेय, गत डेढ़ दशक से राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से ज्यादा आलेख प्रकाशित। संस्कृति लेखक, समीक्षक, फीचर लेखक व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में विशिष्ट पहचान। हरियाणा इनसाइक्लोपीडिया में लेखकीय योगदान। एक दर्जन से अधिक विद्यार्थी नीट व आईआईटी में चयनित। शताधिक विद्यार्थी राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं में विजेता रहे। पुरस्कार/ : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित काव्यपाठ एवं स्लोगन लेखन में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान 2005, सम्मान साहित्य अनुराग सम्मान, लालसौट, दौसा, राजस्थान- 2006, बाबू बालमुकुंद गुप्त सम्मान, (साहित्यिक पत्रकारिता), रेवाड़ी-2010, सरस्वती सम्मान, नरवाना-2011, अहीरवाल गौरव सम्मान, कोसली-2012, देवीशंकर प्रभाकर साहित्य सम्मान, कैथल-2013, दैनिक भास्कर फोटोमेनिया अवार्ड 2014, पानीपत, हरियाणा विज्ञान मंच द्वारा विज्ञान निबंध लेखन में राज्यस्तर पर प्रथम स्थान 2015, स्व. माता रघुराजी देवी एवं पं. राजकरण शुक्ल स्मृति सम्मान, हिसार 2016, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी साहित्य सेवा एवं शोध संस्थान, हरियाणा साहित्य अकादमी श्रेष्ठ कृति सम्मान-2017, हरियाणा साहित्य अकादमी जन कवि मेहर सिंह सम्मान-2018, गुरुग्राम द्वारा लोक साहित्य साधना सम्मान-2018, डॉ. जे. एस. यादव साहित्य सम्मान 2019 नीरपुर (नारनौल), राज्य शिक्षक पुरस्कार-2020 (हरियाणा सरकार) हरियाणा आजादी गीत सम्मान-2021 (केंद्रीय साहित्य अकादमी), महासचिव बाबू बालमुकुंद गुप्त पत्रकारिता एवं साहित्य संरक्षण परिषद् (पंजी) रेवाड़ी (हरियाणा) संपर्क सूत्र : चाँद-धरोहर, 257, सेक्टर-1, रेवाड़ी (हरियाणा) 8168507684, 9416711141 ई-मेल : bolbakhatke@gmail.com E½fa nahariarewari@gmail.com

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