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Ram Lakhan Sharma

राम लखन शर्मा ‘अंकित’
साहित्य के क्षेत्र में अपनी सशक्त और विनम्र पहचान बना लेने वाले, सहज, सरल और यशस्वी कविवर पं. राम लखन शर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ ।
॰ माँ यशोदा देवी के भारतीय जीवन मूल्यों से सिंचित संस्कार वान पिता श्री प्रभु दयाल शर्मा के लालन पालन से संयुक्त परिवार में पनपा यह होनहार कवि माँ भारती का वरद पुत्र बना ।
॰ मध्य प्रदेश पुलिस सेवा में अपनी निष्ठा प्रदान करते हुये अनेक कीर्तिमान रचे !
॰ कवि कुल में पुत्र पुत्रियों पौत्र आदि के साथ आत्मीयता का प्रसार हुआ और एक बड़ा कवि परिवार बना । आज कवि के मानस पुत्र पुत्रियों और वे नवोदित कवि कवयित्रियों की संख्या अधिक है जिनके संरक्षक संवर्द्धक बन कर कवि राम लखन शर्मा जी सारस्वत साधना के नव्यतम प्रतिमान गढ़ रहे हैं ।
॰ छंद वैविध्य के साथ पद्य की अनेक विधाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक कृतियाँ देकर माँ शारदे का कोष बढ़ाया है ।
॰ गीत विधा के लोकप्रिय कवि ने ‘तिमिर के उस पार’ ‘अधरों पर ताले’और ‘सुनो भारती की पुकार’ जैसी कृतियाँ दी हैं! ‘फागुन वाली धूप’ दोहा संग्रह के साथ गजल की लाजबाब फनकारी के साथ दो संग्रह ‘सूरज ढल रहा है’ और ‘पाले बदलना छोड़ दे’ प्रकाशित हैं। तो ‘मुक्तावली’ में कवि ने मुक्तक संग्रह दिया है। घनाक्षरी के लिये प्रसिद्ध कविवर घनाक्षरी संग्रह ‘अनुभूतियाँ’ है। काव्य साधना की कसौटी पर स्वर्ण सा खरा उतरता कवि का महाकाव्य ‘एकलव्य की शौर्यगाथा’ अद्भुत प्रणयन है।
छन्द विज्ञान के सर्वांग अध्ययन को लक्षण ग्रंथ का रूप देते हुये ‘छंद-प्रदर्शिका’ जैसी प्रदीप्त कृति देने वाले पं राम लखन शर्मा न केवल ग्वालियर मध्य प्रदेश वरन् देश के मूर्धन्य कवियों में अग्रगण्य हैं।
कविवर की अथक साहित्य साधना से प्रभावित होकर देश की विभिन्न साहित्यिक साँस्कृतिक संस्थाओं ने कवि को शताधिक सम्मान प्रदान किये हैं । कवि कर्म में सतत संलग्न माँ भारती को धन्य धन्य कर देने वाले कविश्रेष्ठ को प्रणाम।

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