Rajender

राजेन्द्र जी का जन्म गाँव कन्धवाला अमरकोट, तहसील अबोहर, जिला फाजिल्का पंजाब में 10 अक्टूबर 1979 को एक किसान परिवार में हुआ। काम्बोज वंश में पैदा हुए राजेन्द्र जी ने अपनी स्कूली पढ़ाई गाँव के सरकारी स्कूल से ही पूरी की। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ से आगे बढ़ाई जहाँ से उन्होंने एम.ए., पी.एचडी हिन्दी विषय में पूरी की। आपने पंजाब विश्वविद्यालय से जनसंचार में डिप्लोमा भी प्राप्त किया है। आपको बचपन से पढ़ने का शोक नहीं था परन्तु धीरे-धीरे जैसे जैसे समझ बढ़ी तो लिखना शुरू किया। आपका पहला लेख दैनिक ट्रिब्यून चण्डीगढ़ में प्रकाशित हुआ। इसके बाद तो अन्य अनेक पत्र पत्रकिाओं में विभिन्न लेख छपे। शोध पत्रिकाओं में जैसे- अनुसंधान, वाङ्मय, शब्द सरोकार, पूर्वा मीमांसा, शोध बोहल मंजूषा आदि शोध-पत्रिकाओं में भी राजेन्द्र जी के अनेक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। आपकी पहली पुस्तक ‘राजा+इन्द्र’ है। इस पुस्तक में समस्त नारी जाित की दास्तान को उद्घाटित किया गयाहै। यह पुस्तक ग्रन्थ केतन दिल्ली द्वारा प्रकाशित की गई है। ‘नारी नामा’ राजेन्द्र जी की दूसरी पुस्तक का नाम है। इस में नारी की समस्याएं जो समाज में हैं, उन पर कुठाराघात किया गया है। इस पुस्तक का प्रकाशन सप्तऋषि प्रकाशन चण्डीगढ द्वारा किया गया है।
आपके हाथों में प्रस्तुत पुस्तक ‘गीता में इन्द्रिय ज्ञान के सूत्र’ में लेखक ने गीता के विभिन्न सूत्रों का बहुत सरल भाषा में उल्लेख किया है।
सम्पर्क सूत्र : 98158 44696
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