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Dr. Virendra Bhati ‘mangal’
डॉ. वीरेन्द्र भाटी मंगल
साहित्य, शिक्षा एवं समाजसेवा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखने वाले डॉ वीरेन्द्र भाटी मंगल विगत तीन दशक से समाज में सक्रिय है। चंदेरीनगरी के नाम से सुप्रसिद्ध लाडनूं में 05 अक्टूबर 1976 को पिता बाबूलाल जी भाटी व माता श्रीमती लक्ष्मीदेवी के घर जन्मे डॉ वीरेन्द्र भाटी मंगल हिन्दी साहित्य में एम.ए. (द्वय), पत्रकारिता में एम.ए., अहिंसा एवं शांति में एम. ए., पत्रकारिता में बीजेएमसी व घरेलू हिंसा विषय में पी.एच.डी. है। अब तक आपकी विविध विषयों की 12 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। देश की विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आप स्तम्भकार के रूप में नियमित लेखन करते है। अब तक सैकड़ों की संख्या में आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। राजस्थान दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर वातार्ओं, परिचचार्ओं व कहानियों का प्रसारण नियमित रूप से हो रहा है। 30 से अधिक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनारों में शोध पत्र वाचन व सहभागिता की है। विगत 16 वर्षों से राष्ट्रीय सामाजिक समाचार पत्र सैनी सेतु टाईम्स का संपादन कर रहे है। राजस्थान सरकार सहित अनेक संस्थानों द्वारा दर्जनों साहित्यिक, शैक्षिक, सामाजिक व सांस्कृतिक सम्मान व पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें राजस्थान सरकार के द्वारा अनेक बार सम्मान, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा महात्मा गांधी हिन्दी लेखन द्विवार्षिक पुरस्कार, बाबा रामदेव वरिष्ठ सेवा सम्मान, महात्मा ज्योतिबा फूले सम्मान, राष्ट्रीय पथिक सम्मान आदि से सम्मानित किया जा चुका है। अनेकानेक सामाजिक संगठनों से जुड़े डॉ वीरेन्द्र भाटी मंगल कुशल वक्ता, मोटीवेशनल स्पीकर एवं मंच संयोजक के रूप में विख्यात है।
पता-
लक्ष्मी विलास, करन्ट बालाजी कॉलोनी, मंगलपुरा पो-लाडनूं 341306
जिला-डीडवाना कुचामन (राजस्थान) मो-9413179329,
email: bhatimangal@gmail-com
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