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Sethpal Singh Parmar
सेठपाल सिंह परमार
सन् 1958 में ग्राम शिवपुर जिला सहारनपुर उ.प्र. के एक साधारण कृषक परिवार में जन्म। पिता स्व. श्री सोरण सिंह झबरेड़ा इंटर कालिज में इतिहास विषय के प्रवक्ता रहे। बचपन ही से अध्ययन की रुचि एवं सुविधा। अध्यापक पिता के कारण कालेज पुस्तकालय का लाभ। किस्से कहानियाँ पढ़ने की उम्र में इन्होंने डॉ. राधा कृष्णन की ‘सत्य की ओर’, श्री अरविन्द के ‘दिव्य जीवन’ का हिन्दी रुपांतर, ओशो रजनीश का साहित्य तथा क्रोपाटकिन के ‘अराजकवाद’ जैसे गूढ़ साहित्य का अनुशीलन किया।
ये हमेशा मेधावी विद्यार्थी रहे। बचपन ही से लेखन एवं काव्य सृजन में रुचि। प्रथम श्रेणी से इंटर मीडिएट विज्ञान वर्ग से उत्तीर्ण करने के बाद राजकीय आयुर्वेदिक कॉलिज गुरुकुल कांगडी हरिद्वार में मेरे सहपाठी रहे। पिता की अकाल मृत्यु से नियमित शिक्षा में व्यवधान। तभी से घर पर रह कर परिवार की जिम्मेदारी वहन कर रहे हैं।
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