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Dr Mukta
डा. मुक्ता
जन्म : 20 मार्च, 1951
शिक्षा : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से 1971 में हिंदी साहित्य में एम.ए. तथा 1975 में पंजाब विश्व- विद्यालय चंडीगढ़ से पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की।
व्यवसाय : 1971से 2003 तक उच्चतर शिक्षा विभाग, हरियाणा में प्रवक्ता तथा 2009 में प्राचार्य पद से सेवा-निवृत्त, 2009 से 2011 तक निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी, तत्पश्चात् नवम्बर 2014 तक निदेशक, हरियाणा ग्रंथ अकादमी, पंचकूला तथा 2013 से 2017 तक सदस्य, केन्द्रीय साहित्य अकादमी, नई दिल्ली।
साहित्य साधना : बचपन से अध्ययन व लेखन में रुचि तथा 1971 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में कहानी व निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त।
उपलब्धियां : विशिष्ट हिंदी सेवाओं के निमित्त माननीय श्री प्रणव मुखर्जी, राष्ट्रपति भारत सरकार के कर-कमलों द्वारा सुब्रमण्यम भारती पुरस्कार से सम्मानित, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ जयंती समारोह तथा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्कृष्ट साहित्यिक व सामाजिक सेवाओं के निमित्त माननीय राज्यपाल श्री जगन्नाथ पहाड़िया, हरियाणा द्वारा सम्मानित, हरियाणा साहित्य अकादमी के राज्यस्तरीय श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान से मुख्यमंत्री महोदय द्वारा अलंकृत ६ बेस्ट सिटीज़न आॅफ इंडिया अवॉर्ड, साहित्य शिरोमणि की मानद उपाधि से अलंकृत, इंटरनेशनल विमेंस डे अवॉर्ड, उदन्त मार्त्तण्ड सम्मान, लगभग एक शतक सम्मानों से अलंकृत।, हरियाणा ग्रंथ अकादमी की पत्रिका कथासमय (मासिक) तथा सप्तसिंधु (त्रैमासिक) का तीन वर्ष तथा हरियाणा साहित्य अकादमी की पत्रिका हरिगंधा (मासिक) का दो वर्ष तक कुशल संपादन, दस रचनाओं पर लघु शोध प्रबंध स्वीकृत, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा चेन्नई द्वारा मुक्ता के साहित्य में स्त्री विमर्श शोध-प्रबंध स्वीकृत, दो विद्यार्थियों द्वारा शोध-प्रबंध लेखनाधीन, राजा राममोहन राय फाउंडेशन तथा केन्द्रीय हिंदी संस्थान द्वारा दस रचनाएं अनुमोदित, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, आकाशवाणी, दूरदर्शन, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों, काव्यगोष्ठियों व विचार-मंचों में सक्रिय प्रतिभागिता।
प्रकाशित रचनाएं 34 : शब्द नहीं मिलते, अस्मिता, लफ़्ज़ों ने ज़ुबां खोली, अहसास चंद लम्हों का, एक आंसू, चक्रव्यूह में औरत, एक नदी संवेदना की, लम्हों की सौग़ात, अंतर्मन का अहसास, द्वीप अपने-अपने, संवेदना के वातायन, सुक़ून कहाँ, सिलसिला चलता रहेगा, सांसों की सरगम (काव्य-संग्रह), मुखरित संवेदनाएं, आखिर कब तक, कैसे टूटे मौन, अंजुरी भर धूप, उजास की तलाश, रेत होते रिश्ते, बँटा हुआ आदमी , हाशिये के उस पार , टुकड़ा -टुकड़ा ज़िन्दगी (लघुकथा-संग्रह), ख़ामोशियों का सफ़र, अब और नहीं, सच अपना-अपना, इन गलियारों में (कहानी-संग्रह), चिन्ता नहीं चिन्तन, परिदृश्य चिन्तन के, चिन्तन के आयाम, चिन्तन के गलियारे, चिन्तन की स्वर्णिम रश्मियां, क्षितिज चिन्तन के, अनुभूत सत्य चिन्तन के (निबन्ध-संग्रह), आधुनिक कविता में प्रकृति (समालोचना), अकादमी की कथायात्रा कृति का संपादन , अस्मिता व चिन्ता नहीं चिन्तन का पंजाबी और अंग्रेजी में अनुवाद, डा. मुक्ता का रचना संसार… डा. सुभाष रस्तोगी द्वारा संपादित।
संप्रति : पूर्व निदेशक हरियाणा साहित्य अकादमी। संरक्षक-इन्द्रप्रस्थ लिट्रेचर फैस्टिवल, हरियाणा व सलाहकार -विश्व मैत्री मंच, दिल्ली। स्वतंत्र लेखन।
स्थायी पता : # 239, सेक्टर-45, गुरुग्राम।
मो.नं. : 8588801878
ई मेल : drmuktaÔ51@gmÔil.com
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