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Devender Kumar Pathak

देवेन्द्र कुमार पाठक
(‘महरूम’ तखल्लुस से गजलें कहते हैं)
27/08/1956 को मध्यप्रदेश के हृदयस्थल महाकोशल के छोटी महानदी ग्राम्यांचल के कर्क रेखीय गाँव ‘भुड़सा’, जिला- कटनी में एक नौकेरीपेशा, खेतिहर परिवार में जन्म।
शिक्षा- एम ए बी टी सी (हिंदी/ अध्यापन)
मध्यप्रदेश के शालेय शिक्षा विभाग में चार दशक अध्यापनोपरांत 2017 में सेवा निवृत्त। अब लेखन और खेती।
1981 से नाट्य छोड़कर तमाम सभी विधाओं में कमोबेश लेखन- प्रकाशन। आकाशवाणी,दूरदर्शन से प्रसारण। देश की छोटी- बड़ी पत्रिकाओं में प्रकाशन।
दो उपन्यास, ‘विधर्मी’, ‘अदना सा आदमी’; पाँच कहानी संग्रह, ‘मुहिम’, ‘मरी खाल: आखिरी ताल’, ‘चनसुरिया का सुख’, ‘धरम धरे को दंड’, और ‘अंधेरगर्दी’;
पांच कविता पुस्तकें, ‘दुनिया नहीं अँधेरी होगी’, ‘ओढ़ने को आसमां है’, ‘आये नहीं सुदिन’, ‘अँखुरी- पँखुरी’, ‘उस जन्मभूमि, घर- देहरी से’ ; (खण्डकाव्य) दो व्यंग्य संग्रह, ‘कुत्ताघसीटी’, ‘दिल का मामला है’; एक कथेतर निबन्ध संग्रह, ‘दो गज जमीन भी न मिली’ प्रकाशित। एक कहानी और एक कविता पुस्तक प्रकाश्य।
‘आँच’ नियतकालिक पत्रिका , ‘केंद्र में नवगीत’ (नवगीत संग्रह) का सम्पादन।
दस वर्ष तक नौटँकी मंडली का संचालन, गायन, अभिनय, निर्देशन।
‘विधर्मी’ उपन्यास, ‘दुष्यंत कुमार पुरस्कार’, (म.प्र. साहित्य परिषद) और कविता के लिये ‘प. पु. बख्शी पुरस्कार’ से सम्मानित।
सम्पर्क- 1315, साईपुरम कॉलोनी, रोशननगर, कटनी, मप्र. 483501, म.प्र.
(मोबाइल-8120910105)
ईमेल devendrakpathak.dp@gmail.com/
devendrakumarpathak93@gmail.com