| Sign In Account

वरिष्ठ लेखिका राधा गोयल की आधा दर्जन पुस्तकों का लोकार्पण सम्पन्न

एक दजर्न से अधिक कवियों ने कविगोष्ठी में हिस्सा लेकर अपनी रचनाएँ सुनाई

दिल्ली। रविवार को नांगलोई स्थिति सुरभी म्युजिक स्टूडियो में समदर्शी प्रकाशन एवं आशीर्वाद फाउंडेशन के साझा तत्वावधान में वरिष्ठ लेखिका राधा गोयल का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। सम्मान समारोह के अवसर पर उनकी लिखी एवं समदर्शी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित आधा दर्जन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर एक शानदार कविगोष्ठी का भी आयोजन हुआ जिसमें देश के तीन राज्यों से पधारे एक दर्जन से अधिक कवियों ने अपनी कविता का पाठ किया।

कार्यक्रम में राधा गोयल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आलेख के रूप में एक प्रतीक चिह्न एवं सम्मान पत्र उन्हें सौंपा गया। राधा गोयल द्वारा लिखित एवं समदर्शी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तकें – निनाद, जिंदगी एक खिलौना, अजब अनोखे खेल, एक ख्वाब अधूरा सा, तेरे नाम एवं यादों के झरोखे से का भव्य लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं समाज सेवी चिंतक विचारक बाबा विजयेन्द्र ने की। राष्ट्रकिंकर पत्रिका के संपादक एवं विचारक वरिष्ठ समाजसेवी विनोद बब्बर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। ग्वालियर से आए वरिष्ठ कवि राम लखन शर्मा ने अपनी काव्य प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया।

मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री विनोद बब्बर ने कहा कि राधा जी की लेखनी वर्तमान समय के प्रश्नों पर बेबाक चलती है। वो किसी भी यशेष्णा से दूर रह कर केवल साहित्य की समिर्पत सेविका के रूप में अपना लेखन कार्य कर रही हैं। श्री बब्बर ने कहा कि हम आशा करते हैं कि राधा जी किताबों का शतक जल्द ही पूरा हो। इस अवसर पर राधा गोयल ने अपनी बात रखते हुए अपने लेखन कार्य की सफलता का श्रेय अपने परिवार और मित्रों को दिया। इस अवसर पर राधा गोयल ने अपनी पसंदीदा रचनाएँ भी श्रोताओं को सुनाई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बाबा विजयेन्द्र ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज के कवि और लेखक को मंच से कविता सुनाते समय यह सोचना चाहिए कि वो कविता सुना कर जा रहा है या कविता पठकों के लिए छोड़ कर जा रहा है। आज के दौर में टीवी की विकृति और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंश के बड़े खतरे की ओर इशारा करते हुए श्री विजयेन्द्र ने कहा कि आगे आने वाले समय में एक साथ इस तरह इतने लोग एक जगह बैठकर साहित्य की चर्चा नहीं कर सकेंगे। ये भविष्य की भयानक विडंबना होगी।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे वरिष्ठ ओज कवि एवं गीतकार सुल्तान सिंह सुल्तान ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम का प्रारंभ योगेश समदर्शी ने सरस्वति वन्दना पढ़ कर किया। कार्यक्रम के अंत में राधा गोयल जी की सुपुत्री पूनम गुप्ता ने उपस्थित श्रोताओं एवं वरिष्ठ साहित्याकारों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर ग्वालियर मध्य प्रदेश से आए वरिष्ठ कवि श्री रामलखन शर्मा का साहित्यिक सम्मान किया गया। भिवानी हरियाणा से आए करमवीर तंवर का युवा कवि के रूप में सम्मान हुआ। कार्यक्रम का भव्य संचालन मेरठ से आए वरिष्ठ ओज कवि एवं गीतकार सुल्तान सिंह सुल्तान ने किया। इस अवसर पर सुधीर सिंह सुधाकर, कर्मेश सिन्हा तन्हा, धीरेन्द्र कुमार सिंह, सुशील खन्ना, पवन कुमार तोमर, प्रदीप मिश्र अजनबी, राजीव तनेजा, विक्की, सुरेन्द्र शर्मा, कवियत्री सीमा रंगा इंद्रा, शकुंतला काजल एवं पूनम गुप्ता ने कविता पाठ किया।

कार्यक्रम में संजु तनेजा, मुकेश कुमार अभिनव गोयल सहित अन्य अनेक साहित्य के प्रेमी उपस्थित रहे।

Share on:

Leave a Comment